कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और बस संचालक से पूछताछ की जाएगी. वहीं, स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सभी स्कूल बसों की समय-समय पर तकनीकी जांच अनिवार्य की जाए और लापरवाह स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
- चौसा-बक्सर मार्ग पर मची अफरा-तफरी, 20 बच्चों की खतरे में पड़ी जान
- स्थानीय लोगों ने की स्कूली बसों की अनिवार्य जांच की मांग, पुलिस ने जब्त की बस
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शुक्रवार की सुबह चौसा-बक्सर मुख्य मार्ग पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब स्कूली बच्चों से भरी एक निजी बस का अचानक ब्रेक फेल हो गया. यह गंभीर लापरवाही भैया-बहिनी पुल के पास सामने आई, जहां करीब 20 बच्चों की जान कुछ पल के लिए खतरे में पड़ गई. गनीमत रही कि बस पास से गुजर रही एक बोलेरो से टकराकर रुक गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अगर बस की रफ्तार थोड़ी और तेज होती तो यह हादसा जानलेवा हो सकता था. बस के चालक को मामूली चोटें आई हैं, जबकि बच्चों को तत्काल दूसरी बस की व्यवस्था कर स्कूल भेजा गया. इस घटना ने एक बार फिर निजी स्कूलों की परिवहन व्यवस्था और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में चल रही अधिकांश निजी स्कूल बसें बिना किसी तकनीकी जांच और फिटनेस प्रमाणपत्र के सड़कों पर दौड़ रही हैं. इन वाहनों के चालकों की योग्यता, लाइसेंस और प्रशिक्षण की भी कभी जांच नहीं होती, जिससे आए दिन हादसों का खतरा बना रहता है. लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन केवल नाम के लिए ही सुरक्षा नियमों का पालन करता है.
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बस को जब्त कर लिया. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और बस संचालक से पूछताछ की जाएगी. वहीं, स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सभी स्कूल बसों की समय-समय पर तकनीकी जांच अनिवार्य की जाए और लापरवाह स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
यह घटना न केवल एक बड़ी त्रासदी को टालने की कहानी है, बल्कि यह भी चेतावनी है कि अगर समय रहते सुधार नहीं हुए तो अगली बार हादसा टलने की संभावना नहीं होगी. परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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