बक्सर में मातृ दिवस पर विशेष कार्यक्रम : मां के अमर प्रेम को किया गया नमन ..

उन्होंने भारत मां के उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए. डॉ दिलशाद ने कहा, "अगर मां की दुआ निकल जाए तो फौरन अर्श पर पहुंच जाती है. बच्चा यदि एड़ी रगड़े तो वहां से भी ज़मज़म फूट पड़ता है.










                                           





- डॉ. दिलशाद आलम ने माताओं के सम्मान में भावनात्मक उद्बोधन दिया

- कार्यक्रम में केक काटकर की गई शुरुआत . वक्ताओं ने वृद्धाश्रमों में रह रहे माता-पिता की व्यथा पर जताई चिंता

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  मातृ दिवस के अवसर पर मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय बक्सर द्वारा मां के सम्मान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया . कार्यक्रम की शुरुआत केक काटकर की गई और मां के निस्वार्थ प्रेम एवं योगदान पर चर्चा की गई .

कार्यक्रम में मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के सचिव तथा प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. दिलशाद आलम ने कहा कि इस युग में मां जैसा कोई नहीं . मां का प्रेम निस्वार्थ होता है और वह हर कठिन परिस्थिति में संबल बनती है . उन्होंने भारत मां के उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए . डॉ. दिलशाद ने कहा, "अगर मां की दुआ निकल जाए तो फौरन अर्श पर पहुंच जाती है . बच्चा यदि एड़ी रगड़े तो वहां से भी ज़मज़म फूट पड़ता है ."

डॉ. दिलशाद ने वृद्धाश्रमों में रह रहे माता-पिता की दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजकल बच्चे विदेशों में बस जाते हैं और मां-बाप अकेले रह जाते हैं . इस स्थिति में समाज को अपनी जिम्मेदारियों को समझने और सुधार लाने की जरूरत है .

कार्यक्रम में प्रसिद्ध उद्घोषक साबित रोहतासवी ने भी अपने विचार साझा किए . उन्होंने कहा कि मां शब्द और मां का प्यार अमर है . दुनिया की कोई ताकत मां के प्रेम को फीका नहीं कर सकती . उन्होंने कहा कि चाहे कितनी भी कठिनाई आ जाए, मां की दुआ संकट से उबार लेती है .

इस अवसर पर डॉ. दिलशाद आलम, साबित रोहतासवी, डॉ. खालिद राजा, नसीम अहमद वकील जी, हामिद रजा अधिवक्ता, निखत राम, राज सिंह, रौशन कुमार, इम्तियाज अंसारी और सोनम कुमारी समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे . सभी ने मां के प्रेम और योगदान पर अपने विचार साझा कर कार्यक्रम को सफल बनाया .











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