उन्होंने सांसद को अपना कमरा भी दिखाया जिसमें टूटी खिड़की, सीलन भरी दीवार और सुरक्षा की घोर कमी नजर आई. डॉक्टर ने साफ कहा कि ऐसी बदतर स्थिति में रहकर काम करना बेहद कठिन हो गया है.
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चिकित्सक की व्यथा सुनते सांसद |
- हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में संसाधनों की भारी कमी, सदर अस्पताल में भी अव्यवस्था चरम पर
- इंजेक्शन रखने वाला फ्रिज महीनों से खराब, मरीज हो रहे परेशान
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की असली तस्वीर उस समय सामने आ गई जब सांसद सुधाकर सिंह ने एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान वहां तैनात चिकित्सक डॉ. अली आरिफ ने खुलकर सांसद के समक्ष अपनी पीड़ा जाहिर की और बताया कि केंद्र में न तो ब्लड प्रेशर मापने की मशीन है और न ही शुगर टेस्ट जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. संसाधनों की कमी के कारण मरीजों का समुचित इलाज संभव नहीं हो पा रहा है.
डॉ. आरिफ ने बताया कि जब मरीज सवाल करते हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता. उन्होंने सांसद को अपना कमरा भी दिखाया जिसमें टूटी खिड़की, सीलन भरी दीवार और सुरक्षा की घोर कमी नजर आई. डॉक्टर ने साफ कहा कि ऐसी बदतर स्थिति में रहकर काम करना बेहद कठिन हो गया है.
करीब 10 मिनट के निरीक्षण के दौरान सांसद सुधाकर सिंह ने डॉक्टर की सभी बातों को गंभीरता से सुना. उन्होंने कहा कि वे इस दिशा में जल्द पहल करेंगे और अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करेंगे. सांसद ने कहा कि एक ओर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की बात कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है. यह स्थिति चिंताजनक है और इसे तुरंत सुधारे जाने की आवश्यकता है.
सदर अस्पताल की स्थिति भी बेहद खराब
सिर्फ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ही नहीं, जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल की हालत भी दयनीय है. आपातकालीन स्थिति में आवश्यक इंजेक्शन जैसे कि सांप, कुत्ता और बंदर के काटने पर दिए जाने वाले इंजेक्शन को रखने वाला फ्रिज महीनों से खराब पड़ा है. सूत्रों के अनुसार इसकी जानकारी कई बार अधिकारियों को दी गई है लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है.
इस कारण जीवन रक्षक इंजेक्शन को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है जिससे मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों को खासतौर पर परेशानी हो रही है. शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) सहित कई वार्डों में एसी और अन्य जरूरी उपकरण भी महीनों से खराब पड़े हैं.
सिविल सर्जन का बयान
सिविल सर्जन डॉ. शिवकुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें अब इस समस्या की जानकारी मिली है. वे जल्द ही जांच कराकर संबंधित विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मरीजों की सुविधा सर्वोपरि है और खराब उपकरणों को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए.
जनता में आक्रोश, सरकार पर उठे सवाल
पूर्व जिला परिषद सदस्य व रोगी कल्याण समिति के सदस्य रह चुके डॉ. मनोज यादव ने कहा कि सरकार एक ओर गांव-गांव स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत बेहद अलग है. डॉक्टरों के पास न तो उपकरण हैं और न ही आधारभूत ढांचा. ऐसे में मरीजों को निजी क्लीनिक का रुख करना पड़ता है जिससे गरीब वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होता है.
अब देखना यह होगा कि सांसद सुधाकर सिंह के निरीक्षण और डॉक्टर की पीड़ा सामने आने के बाद जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है या यह निरीक्षण भी सिर्फ औपचारिकता बन कर रह जाएगा.
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