पूछा है कि उन्होंने यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले में पोक्सो एक्ट की धाराएं क्यों नहीं जोड़ीं और ऐसा क्यों न माना जाए कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन नहीं किया?
पॉक्सो की धारा नहीं लगाने पर बक्सर कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी
डीआईजी व एसपी को आदेश अग्रसारित, तीन पृष्ठों का जारी हुआ विस्तृत आदेश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : व्यवहार न्यायालय से एक अहम आदेश में डुमरांव के तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत को एक नाबालिग बच्ची से यौन उत्पीड़न मामले में गंभीर लापरवाही को लेकर शो कॉज किया गया है. डुमरा थाना कांड संख्या 77/2025 की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि गंभीर आरोप होने के बावजूद भी पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की सामान्य धाराएं 74 एवं 76 लगाई थीं, जबकि मामले में पोक्सो अधिनियम की धाराएं स्पष्ट रूप से बनती थीं.
अदालत ने अभियुक्त के जमानत आवेदन को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार की जांच में लापरवाही निंदनीय है और इससे न्याय में बाधा उत्पन्न होती है. कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत से पूछा है कि उन्होंने यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले में पोक्सो एक्ट की धाराएं क्यों नहीं जोड़ीं और ऐसा क्यों न माना जाए कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन नहीं किया?
अदालत ने इस आदेश की प्रति डीआईजी और बक्सर के पुलिस अधीक्षक को अग्रसारित करते हुए आगे की प्रशासनिक कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं. यह मामला अब पुलिस महकमे के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आ गया है, जिससे इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
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