चेताया कि यदि कोई व्यक्ति यह कहकर दस्तावेज दिखाने से मना करता है कि मामला पहले से न्यायालय में लंबित है, तो यह रवैया गलत है और ऐसे मामलों में कानूनन कार्रवाई की जाएगी. सीओ और थानाध्यक्ष को ऐसे असहयोगी पक्षों पर विधिसम्मत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रशासनिक प्रयासों को ठेस न पहुंचे.
सीएम की पहल को बताया कारगर, कहा- गरीबों को मिलेगा त्वरित न्याय
दस्तावेज के आधार पर थानों में ही कराया जाएगा समझौता
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में जमीनी विवादों से जुड़े मुकदमों की बाढ़ और अदालतों पर बढ़ते बोझ को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा थानों पर ही समझौता कराने की पहल अब सराहना बटोर रही है. लोक अभियोजक (पीपी) केदार तिवारी ने इसे अत्यंत सकारात्मक कदम बताते हुए आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग करें और अपने दस्तावेजों के साथ बिना झिझक सामने आएं.
उन्होंने कहा कि थाने स्तर पर सीओ (अंचलाधिकारी) की मौजूदगी में दोनों पक्षों को बुलाकर दस्तावेजों के आधार पर समाधान कराने का निर्णय न केवल न्यायिक प्रक्रिया को गति देगा, बल्कि गरीबों और कमजोर तबकों को त्वरित राहत भी देगा. वर्षों तक दीवानी अदालतों में अटके रहने वाले मामले अब चंद बैठकों में हल हो सकेंगे.
श्री तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य झगड़े और मुकदमेबाजी की प्रवृत्ति को खत्म कर समाज में शांति और सौहार्द कायम करना है. उन्होंने चेताया कि यदि कोई व्यक्ति यह कहकर दस्तावेज दिखाने से मना करता है कि मामला पहले से न्यायालय में लंबित है, तो यह रवैया गलत है और ऐसे मामलों में कानूनन कार्रवाई की जाएगी. सीओ और थानाध्यक्ष को ऐसे असहयोगी पक्षों पर विधिसम्मत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रशासनिक प्रयासों को ठेस न पहुंचे.
लोक अभियोजक ने कहा कि यह कदम न केवल समय और धन की बचत करेगा, बल्कि समाज में पारदर्शिता और विश्वास का माहौल भी पैदा करेगा. उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस से अनुरोध किया कि वे और सक्रिय भूमिका निभाते हुए इस अभियान को सफल बनाएं.
अंत में श्री तिवारी ने जनता से आग्रह किया कि वे बेझिझक अपने वैध दस्तावेज प्रस्तुत करें, ताकि प्रशासन दोनों पक्षों को समझाकर विवाद का निष्पक्ष समाधान कर सके और न्यायालय का बोझ भी कम हो सके.
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