बक्सर अब अध्यात्मिक केंद्र बनने की राह पर : बिनोद चौबे

कहा कि इस कार्य के लिए 24 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. चौबे ने बताया कि उन्होंने अपने ज्ञापन के माध्यम से यह मांग राज्यपाल से की थी, जिस पर मिले आश्वासन को अब धीरे-धीरे मूर्त रूप मिल रहा है.









                                           








- महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि के विकास पर खर्च होंगे 24 करोड़ 42 लाख
- बिनोद चौबे ने और अधिक बजट की मांग दोहराई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि बक्सर को अध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. पूर्व आइआरएस एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने बिहार सरकार और महामहिम राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान को बक्सर की जनता की ओर से धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कार्य के लिए 24 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. चौबे ने बताया कि उन्होंने अपने ज्ञापन के माध्यम से यह मांग राज्यपाल से की थी, जिस पर मिले आश्वासन को अब धीरे-धीरे मूर्त रूप मिल रहा है. हालांकि, उन्होंने दोहराया कि इस कार्य के लिए आवंटित राशि पर्याप्त नहीं है और इसके लिए और धन की आवश्यकता है.

चौबे द्वारा आयोजित बक्सर के सनातन महासम्मेलन में बक्सर को अध्यात्मिक और धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने की आवाज सरकार तक पहुंच चुकी है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे माता सीता की स्थली पुनौरा धाम सीतामढ़ी के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ, उसी तर्ज पर बक्सर को उससे भी अधिक राशि उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने याद दिलाया कि बक्सर वामन भगवान, भगवान परशुराम, भगवान राम-लक्ष्मण, महर्षि विश्वामित्र और गौतम ऋषि की स्थली है.

पिछले दिनों सनातन महासम्मेलन में चौबे ने यह मांग भी रखी थी कि बक्सर में चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना हो, जहां वेद, पुराण, उपनिषद, प्राचीन ग्रंथ, प्राचीन भाषाएं, पांडुलिपियां और शिलालेखों की शिक्षा दी जाए. इसके लिए उन्होंने 50 एकड़ जमीन और पर्याप्त बजट उपलब्ध कराने की मांग की थी.








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