पहली 660 मेगावाट की यूनिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे. परियोजना की लागत शुरुआत में 10,439 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन अब यह बढ़कर लगभग 14,390 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इसके संचालन से राज्य में बिजली आपूर्ति को मजबूती मिलेगी.
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ट्रायल रन के दौरान प्लांट की चिमनी से निकलता धुआं |
- पीएम मोदी 22 अगस्त को करेंगे 660 मेगावाट की पहली यूनिट का उद्घाटन
- 1980 मेगावाट तक पहुंचेगी क्षमता, विकास और रोजगार की खुलेगी नई राह
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नई उम्मीद जगाने वाली चौसा ताप विद्युत परियोजना अब शुरू होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को गयाजी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्लांट की पहली यूनिट का उद्घाटन करेंगे. इसकी जानकारी एजेवीएन के मानव संसाधन विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक मितेश यादव ने दी. सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की सहयोगी कंपनी एसटीपीएल द्वारा निर्मित यह परियोजना राज्य की सबसे आधुनिक और महत्वाकांक्षी बिजली योजनाओं में से एक मानी जा रही है.
गंगा तट पर बसा चौसा अब 1320 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट के रूप में देशभर में पहचान बनाने जा रहा है. इसमें दो यूनिटें हैं, जिनमें से पहली 660 मेगावाट की यूनिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे. परियोजना की लागत शुरुआत में 10,439 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन अब यह बढ़कर लगभग 14,390 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इसके संचालन से राज्य में बिजली आपूर्ति को मजबूती मिलेगी.
दरअसल, इस परियोजना को जून 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य तय था, मगर कोविड-19 और किसान आंदोलन के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई. अब पहली यूनिट चालू होने को तैयार है जबकि दूसरी यूनिट अगले साल तक चालू किए जाने की संभावना जताई जा रही है.
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों यूनिटों से 1320 मेगावाट उत्पादन होगा जिससे बिहार बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा. इसके अलावा तीसरी यूनिट की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है. उसके निर्माण के बाद कुल क्षमता 1980 मेगावाट तक पहुंच जाएगी.
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस प्लांट से बिजली संकट कम होने के साथ-साथ रोजगार और विकास के नए अवसर भी मिलेंगे. जानकारों का कहना है कि यह परियोजना न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए ऐतिहासिक साबित होगी.
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