बक्सर में जन्माष्टमी की भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं ने किया भव्य स्वागत ..

यह यात्रा गोवर्धन धाम से शुरू होकर नई बाजार, मठिया मोड़, आंबेडकर चौक सहित शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए पुनः गोवर्धन धाम में संपन्न हुई. लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और भक्ति तथा उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला.





                                         




  • श्रीकृष्ण भक्ति और उल्लास से रंगा शहर
  • कलात्मक झांकियों और भजन-कीर्तन ने बढ़ाया उत्साह 

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में रविवार को जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति की ओर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई. यह यात्रा गोवर्धन धाम से शुरू होकर नई बाजार, मठिया मोड़, आंबेडकर चौक सहित शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए पुनः गोवर्धन धाम में संपन्न हुई. लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और भक्ति तथा उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला.

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता ओमजी यादव और युवा नेता अजय यादव समेत शहर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे. ओमजी यादव ने कहा कि “जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है. यह उत्सव लोगों को एक साथ जोड़ता है और भक्ति के माध्यम से सामाजिक सद्भाव को बढ़ाता है.” वहीं, अजय यादव ने कहा कि “श्रीकृष्ण की लीलाओं का आनंद लेने के लिए हर उम्र के लोग इस शोभायात्रा में शामिल हुए. हमारी कोशिश रहती है कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों में सभी सुरक्षा और व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाए.”

शोभायात्रा में श्रीकृष्ण की प्रतिमा को फूलों और रंगीन रोशनी से सजे भव्य रथ पर विराजमान किया गया. श्रद्धालु “जय श्रीकृष्ण” और “राधे-राधे” के जयघोष करते हुए यात्रा में सम्मिलित थे. रास्ते में स्थानीय लोगों ने फूल बरसाकर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया. बनारस से आए कलाकारों ने राधा-कृष्ण और शंकर-पार्वती के रूप में नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि अलग-अलग स्थानों पर भजन-कीर्तन और झांकियों ने उत्सव की शोभा को और बढ़ा दिया.

शहर प्रशासन और पुलिस ने शोभायात्रा के मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए. रास्तों को रंगीन रोशनी और तोरण द्वारों से सजाया गया. सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त पानी और शीतल पेय की व्यवस्था की, जिससे यात्रा में श्रद्धालुओं को सुविधा मिली.

पूरा शहर भक्ति और उल्लास से रंगा रहा. श्रद्धालुओं ने न केवल श्रीकृष्ण की लीलाओं का आनंद लिया बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया. जन्माष्टमी की इस भव्य शोभायात्रा ने बक्सर को एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया.







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