संवेदनशील इलाकों में जिला मुख्यालय के अतिरिक्त चौसा, सिमरी, ब्रह्मपुर और चक्की जैसे प्रखंड शामिल है इन सभी प्रखंडों में विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है. हालांकि जिस तरह के प्रशासनिक इंतजाम दिखाई दे रहे हैं उन्हें देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन के समक्ष बाढ़ से निपटना एक बड़ी चुनौती होगी.
- रामरेखा घाट पर डीएम ने किया निरीक्षण, दिए सुरक्षा के सख्त निर्देश
- बाढ़ पूर्व इंतजामों की जिला मुख्यालय में ही खुली पोल, डीएम के पहुंचने पर बजने लगी खतरे की सीटी हुई मार्ग की साफ-सफाई
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार खतरे की ओर बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रशासन की चिंताएं गहरा गई हैं. शुक्रवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर को पार कर 59.59 मीटर तक पहुंच गया. खतरे का निशान 60.32 मीटर है. ऐसे में जलस्तर अभी भी 73 सेंटीमीटर नीचे है. आगामी सावन की सोमवारी को घाटों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी (डीएम) डॉ. विद्यानंद सिंह ने रामरेखा घाट पहुंचकर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया.
निरीक्षण के दौरान डीएम ने बताया कि जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. इसे गंभीर मानते हुए प्रशासनिक तैयारियों को तेज कर दिया गया है. नगर परिषद को सभी प्रमुख घाटों पर बैरिकेडिंग करने, चेतावनी झंडी और बोर्ड लगाने तथा शहर के नालों की समुचित सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही यह भी कहा गया कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर पहले से सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए जाएं.
तैनात होंगे मजिस्ट्रेट और पुलिस बल, एसडीआरएफ की मांग भेजी गई
सूचना जनसंपर्क कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक घाटों पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को मजिस्ट्रेट और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. आपदा प्रबंधन शाखा को एसडीआरएफ की तैनाती के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को सैंड बैग की व्यवस्था और कोईलवर तटबंध की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है. दियारा क्षेत्र में लगातार निगरानी के आदेश भी जारी किए गए हैं.
नाव परिचालन पर रोक, दवाएं व चारा पहुंचाने के निर्देश
डीएम ने नाव परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया है. साथ ही बताया कि संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने सभी आश्रय स्थलों, सामुदायिक किचनों, पीने के पानी, पशु चारा और जरूरी दवाओं की व्यवस्था पहले से कर ली है. अनुमंडल स्तर पर निगरानी टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, जो हर घंटे अपडेट भेज रही हैं.
डीएम के आने पर ही दिखी सफाई, सीटी बजा कर हटाए गए बच्चे
निरीक्षण के दौरान जब डीएम रामरेखा घाट पर पहुंचे तो उस वक्त कुछ बच्चे गंगा में उतरकर नहा रहे थे. इस दौरान वह खूब मस्ती कर रहे थे और जोखिम के बावजूद सुरक्षा अलर्ट का पालन नहीं हो रहा था. डीएम के पहुंचते ही सीटी बजाई जाने लगी और बच्चों को पानी से बाहर निकाला गया. वहीं, घाट की सफाई भी डीएम के पहुंचने से कुछ देर पहले ही कराई गई. जब इस पर सवाल हुआ तो डीएम ने टालते हुए कहा कि जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने संबंधित विभागों को दोबारा निर्देशित करने की बात कही.
प्रशासन के समक्ष खड़ी हो चुकी है बड़ी चुनौती
बक्सर में बाढ़ को लेकर संवेदनशील इलाकों में जिला मुख्यालय के अतिरिक्त चौसा, सिमरी, ब्रह्मपुर और चक्की जैसे प्रखंड शामिल है इन सभी प्रखंडों में विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है. हालांकि जिस तरह के प्रशासनिक इंतजाम दिखाई दे रहे हैं उन्हें देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन के समक्ष बाढ़ से निपटना एक बड़ी चुनौती होगी.
डीएम की अपील : सावधानी ही सुरक्षा है
निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने जिलेवासियों से अपील की कि वे सतर्क रहें, अफवाहों से दूर रहें और बच्चों को गंगा के किनारे न भेजें. उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है, लेकिन आम लोगों का सहयोग भी उतना ही जरूरी है.
निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु शरण पांडेय, अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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