डॉ. नरेंद्र पाठक की नव रचित पुस्तक का पटना में होगा लोकार्पण ..

पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान होगा. पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी, और प्रोफेसर मनोज प्रभाकर सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहेंगे.


 










                                           







- बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव करेंगे विमोचन, कई गणमान्य अतिथि होंगे शामिल

- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों पर पहले भी पुस्तक लिख चुके हैं डॉ नरेंद्र पाठक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौसा प्रखंड के कुसुरपा गांव निवासी डॉ. नरेंद्र पाठक द्वारा लिखित नव रचित पुस्तक "आर्थिक विकास एवं संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली- एक विश्लेषणात्मक अध्ययन" का लोकार्पण शुक्रवार को पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान होगा. लोकार्पण शनिवार को जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना में अपराह्न 03 बजे किया जाएगा. पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी, और प्रोफेसर मनोज प्रभाकर सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहेंगे.

मुख्यमंत्री के साथ डॉ नरेंद्र पाठक (बीच में)

डॉ. नरेंद्र पाठक वर्तमान में पटना स्थित जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के निदेशक पद पर कार्यरत हैं. सामाजिक सरोकारों में विशेष रुचि रखने वाले डॉ. पाठक विगत कई वर्षों से लेखन और शोध से जुड़े हुए हैं. उनके द्वारा रचित यह नई पुस्तक भी सामाजिक और राजनीतिक चेतना से जुड़ी विषयवस्तु पर आधारित बताई जा रही है.

अपनी पुस्तक के संदर्भ में उन्होंने बताया कि, "लोकसभा फेलोशिप की मेरी यह किताब, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित हो गई है.

"यह किताब स्वतंत्र भारत की आर्थिक नीतियों और स्थानीय आकांक्षाओं के मध्य द्वंद के कारणों पर आधारित शोध प्रबंध है."

गौरतलब है कि इससे पूर्व भी डॉ. पाठक कई पुस्तकों की रचना कर चुके हैं. उनकी एक चर्चित कृति बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों पर आधारित थी, जिसे पाठकों और समीक्षकों से सराहना मिली थी. उनके शोधपरक लेखन में सामाजिक दृष्टिकोण और राजनीतिक अनुभवों का समावेश साफ देखा जाता है.

कल आयोजित होने वाले इस लोकार्पण समारोह में बिहार के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति भी संभावित है, जिससे यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण बौद्धिक आयोजन के रूप में देखा जा रहा है.








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