बड़ी खबर : डुमरांव विधायक के हलफनामे को लेकर मचा बवाल, उम्मीदवारी पर उठे सवाल ..

मामला सीधे तौर पर महागठबंधन के उम्मीदवार और वर्तमान विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह (कुशवाहा) के हलफनामे से जुड़ा हुआ है, जो उन्होंने नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग को सौंपा है.





                                         



  • - वर्तमान विधायक पर झूठी जानकारी देने का आरोप
  • - प्रतिद्वंदी उम्मीदवार ने की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : विधानसभा चुनाव के दौरान डुमरांव की राजनीति में अचानक हलचल तेज हो गई है. एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने चुनावी माहौल को पूरी तरह गर्मा दिया है और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. मामला सीधे तौर पर महागठबंधन के उम्मीदवार और वर्तमान विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह (कुशवाहा) के हलफनामे से जुड़ा हुआ है, जो उन्होंने नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग को सौंपा है.

दरअसल, डॉ अजीत कुमार सिंह द्वारा दिए गए हलफनामे में कई बिंदुओं पर “लागू नहीं है” लिखा गया है, जिनमें इनकम टैक्स रिटर्न और सरकारी आवास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं. इसी आधार पर एनडीए समर्थित उम्मीदवार राहुल कुमार सिंह ने बड़ा आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि जब विधायक को पांच साल तक वेतन और भत्ते मिले हैं, तो उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि अगर यह तथ्य सही है, तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और डॉ अजीत कुमार सिंह की उम्मीदवारी तुरंत रद्द कर दी जानी चाहिए.

राहुल सिंह ने आगे कहा कि झूठा शपथ पत्र देना कानूनन अपराध है, जिसके लिए संबंधित व्यक्ति पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायक द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों में “नो ड्यूज सर्टिफिकेट”, बिजली बिल, और अन्य विवरणों से संबंधित कॉलम खाली छोड़ दिए गए हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि जब इसी तरह के आधार पर डुमरांव नगर परिषद अध्यक्ष का निर्वाचन रद्द किया जा सकता है, तो इस मामले में कार्रवाई क्यों न हो?

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डुमरांव के अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथ पत्रों में पूरी जानकारी भरी होनी चाहिए. यदि कोई जानकारी अधूरी छोड़ी गई है या तथ्यों को छिपाया गया है, तो इस पर सक्षम न्यायालय में अपील की जा सकती है.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की गई थी, तब तक किसी ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी. इसलिए फिलहाल डॉ अजीत कुमार सिंह का नामांकन वैध माना गया है और उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित करने की प्रक्रिया जारी है.









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