पीड़िता ने अदालत को बताया कि दसवीं के लिए अलग बैच शुरू करने के बहाने आरोपी ने उसे सुबह पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान एक दिन अकेले पाकर उसने जबरन दुष्कर्म किया और धमकाकर चुप रहने के लिए मजबूर करता रहा.
- पीड़िता को सात लाख और पिता को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश
- राजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है मामला
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में पाॅक्सो कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया. विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार शर्मा ने आरोपी शिक्षक सतीश राजभर को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. साथ ही बिहार प्रतिकार योजना के तहत पीड़िता को सात लाख रुपये और उसके पिता को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया गया.
यह मामला बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के कोचाढ़ी गांव का है. पीड़िता नौवीं और दसवीं की छात्रा थी और ट्यूशन पढ़ने के लिए आरोपी शिक्षक सतीश राजभर के पास जाती थी. पीड़िता ने अदालत को बताया कि दसवीं के लिए अलग बैच शुरू करने के बहाने आरोपी ने उसे सुबह पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान एक दिन अकेले पाकर उसने जबरन दुष्कर्म किया और धमकाकर चुप रहने के लिए मजबूर करता रहा.
घटना की जानकारी परिजनों तक पहुंचने पर राजपुर थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल किया. गुरुवार को विशेष पाॅक्सो कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पुलिस और दोनों पक्षों के गवाहों को सुना गया. गवाहों और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी सतीश राजभर को दोषी पाया.
विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह और कंचन कुमारी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि समाज के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा.
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