वीडियो : बदहाल व्यवस्था पर बसपा का सवाल : 35 सालों में क्यों नहीं हुआ विकास? सांसद, विधायक और अधिकारियों पर सवालों की बौछार ..

कहा कि जब बक्सर के बच्चों और बच्चियों की पढ़ाई बाधित हो रही है तो यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों को चकनाचूर करने जैसा है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आज तक बक्सर में परिवहन व्यवस्था क्यों नहीं सुधारी गई? यदि किसी को राजपुर या ब्रह्मपुर जाना हो तो उसके लिए बस तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है. 

पत्रकारों से बात करते अनिल कुमार





                                         




  • महागठबंधन और एनडीए पर जमकर साधा निशाना
  • स्थानीय सांसद, विधायक और अधिकारियों से जवाब मांगा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में पहुंचे बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने स्थानीय सांसद, विधायक और अधिकारियों पर सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा कि बीते 35 वर्षों तक महागठबंधन और एनडीए की सरकारें सत्ता में रहीं, लेकिन इसके बावजूद बक्सर का विकास ठप पड़ा रहा. उन्होंने यह भी कहा कि बक्सर एक ऐसा शहर है जिसने हमेशा उतार-चढ़ाव देखे हैं और इसका इतिहास इसका गवाह है, लेकिन आज तक यहां की जनता को ठगा ही गया है.

अनिल कुमार ने एनडीए सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वह उन सनातनियों और हिंदू धर्म मानने वाले लोगों से पूछना चाहते हैं कि आखिर बक्सर से इतनी नफरत क्यों की जाती है? जब इस जिले को सनातन की शान कहा जाता है तो फिर इस शहर के लिए एक भी ठोस पहल क्यों नहीं की गई? उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 20 वर्षों से एनडीए और इससे पहले 15 वर्षों तक महागठबंधन की सरकारें रही, लेकिन बक्सर में एक भी यूनिवर्सिटी की स्थापना तक नहीं हुई.

उन्होंने कहा कि जब बक्सर के बच्चों और बच्चियों की पढ़ाई बाधित हो रही है तो यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों को चकनाचूर करने जैसा है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आज तक बक्सर में परिवहन व्यवस्था क्यों नहीं सुधारी गई? यदि किसी को राजपुर या ब्रह्मपुर जाना हो तो उसके लिए बस तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लोगों को मजबूरी में निजी साधनों का सहारा लेना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि बीते 35 वर्षों में न तो बक्सर में एक भी उद्योग लगाया गया और न ही सब्जियों को रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की गई. इतना ही नहीं, रेलवे ओवरब्रिज भी अब तक अधूरा पड़ा है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यहां एक सांसद स्वयं को "सड़क का सांसद" बताते हैं जबकि दूसरे "एक्सीडेंटल सांसद" कहे जाते हैं. सुधाकर सिंह पर सीधा कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ओवरब्रिज का शिलान्यास तो धूमधाम से हुआ था, लेकिन उद्घाटन आज तक क्यों नहीं हो पाया? आखिर उद्घाटन करने के लिए कितना समय चाहिए?

थर्मल पावर प्लांट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके शुरू होते ही एनडीए और महागठबंधन दोनों श्रेय लेने में जुट गए, लेकिन सच्चाई यह है कि स्थानीय युवाओं को नौकरी तक नहीं मिली. उन्होंने कहा कि हम उन दलालों को ढूंढना चाहते हैं जिनके कारण न तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिला और न ही किसानों को उचित मुआवजा.

किसानों की बदहाली पर भी उन्होंने गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि खेती के समय खाद की आपूर्ति नहीं होती और धान की खरीद भी समय पर व उचित मूल्य पर नहीं हो पाती. ऐसे में यहां के विधायक, सांसद और अधिकारी आखिर जनता को क्या जवाब देंगे? अनिल कुमार ने साफ कहा कि अब बक्सर की जनता उनसे हिसाब मांगने के मूड में है और आने वाले समय में जनता को जवाब देना ही पड़ेगा.

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