आरोप था कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है.
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प्रदर्शन करते अनुकम्पा आश्रित |
- नारेबाजी कर जताई नाराजगी, बोले- अन्य जिलों में हो रही नियुक्ति, बक्सर में क्यों रोकी गई
- मौके पर पहुंचे एसडीएम ने दिया आश्वासन, बोले- दो हफ्ते में पूरी होगी प्रक्रिया
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शिक्षा विभाग के अनुकंपा आश्रितों का धैर्य अब टूटने लगा है. वर्षों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे ये परिवार शुक्रवार को सड़क पर उतर आए और डीइओ कार्यालय का घेराव कर जोरदार नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अन्य जिलों में अनुकंपा आश्रितों को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं, लेकिन बक्सर में प्रक्रिया को जानबूझकर लटकाया जा रहा है. उनका आरोप था कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है.
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीते 19 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अनुकंपा आश्रितों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया था. इसके बाद साफ कहा गया था कि सभी जिलों में भी जल्द ही नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे. मगर बक्सर में अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है. यहां कुल 170 अनुकंपा आश्रित हैं, जिनका दो बार दस्तावेज सत्यापन भी हो चुका है. इतना ही नहीं, ओरिजनल कागजात भी विभाग को सौंपे जा चुके हैं. इसके बावजूद बहाली नहीं होना कहीं न कहीं विभागीय लापरवाही को दर्शाता है.
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसडीएम अविनाश कुमार मौके पर पहुंचे और आश्रितों की शिकायतें सुनीं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर जानकारी दी कि अनुकंपा नियुक्ति से जुड़ी फाइल फिलहाल स्थापना कार्यालय में जांच के लिए भेजी गई है. यह जांच एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने आश्वस्त किया कि इसके बाद नियुक्ति पत्र भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे. हालांकि एसडीएम ने आश्रितों से दो हफ्तों का समय मांगा और कहा कि मानवीय संवेदना से जुड़े इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा.
एसडीएम के आश्वासन के बाद फिलहाल अनुकंपा आश्रितों ने अपना घेराव खत्म कर दिया, लेकिन साफ कहा कि अगर तय समय सीमा में नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अनुकंपा आश्रित पहले ही कई वर्षों से भटक रहे हैं. कई परिवारों की हालत बद से बदतर हो चुकी है. मृत कर्मियों के आश्रित बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में नियुक्ति में हो रही देरी उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ रही है.
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि वादा पूरा नहीं हुआ तो वे जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे और मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे. उनके अनुसार अनुकंपा का उद्देश्य ही यही है कि मृत कर्मियों के परिवार को तुरंत सहारा मिले, मगर बक्सर में प्रक्रिया उलझकर रह गई है. इससे आश्रितों में गहरी नाराजगी और अविश्वास का माहौल बन रहा है.
बक्सर के अनुकंपा आश्रितों का यह आंदोलन अब जिले में चर्चा का विषय बन चुका है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री स्तर से पहल हो चुकी है तो फिर जिला स्तर पर इसे लटकाए रखने का क्या औचित्य है. अब देखना यह होगा कि एसडीएम के आश्वासन के बाद विभाग कितनी गंभीरता से काम करता है और आश्रितों को राहत कब तक मिल पाती है.
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