कहा कि बिहार सरकार सफाई कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है. यदि 1 से 2 दिन के भीतर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो लोकतांत्रिक तरीके से जिलाधिकारी का घेराव किया जाएगा.
- 1500 से 2000 रुपये पर सीमित वेतन, कई महीनों बाद मिलता है भुगतान
- भीम आर्मी के समक्ष रखी गई शिकायत, दो दिन में कार्रवाई नहीं होने पर जिलाधिकारी घेराव की चेतावनी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में कार्यरत सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें निर्धारित दर से भुगतान नहीं किया जाता है. उच्च विद्यालयों में शौचालय की सफाई के लिए 100 रुपये प्रति शौचालय और मध्य विद्यालय में 50 रुपये प्रति शौचालय भुगतान का प्रावधान है. इस हिसाब से उन्हें हर माह हजारों रुपये मिलना चाहिए, लेकिन वास्तविकता में केवल 1500 से 2000 रुपये ही दिए जाते हैं, वह भी दो-तीन महीने में एक बार.
सफाई कर्मियों ने यह भी बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल तक किया जाता है. इतना ही नहीं, उन्हें सफाई के अलावा अन्य कार्यों में भी दिनभर उलझाया जाता है. इस संबंध में शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी तक की गई, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है.
नाराज सफाई कर्मी भीम आर्मी के कार्यालय पहुंचे और राजपुर विधानसभा से आजाद समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी अनिल कुमार राम उर्फ अनिल प्रधान के समक्ष अपनी बातें रखीं. सफाई कर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर दो से तीन दिन में उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे.
इस मौके पर अनिल कुमार राम उर्फ अनिल प्रधान ने कहा कि बिहार सरकार सफाई कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है. यदि 1 से 2 दिन के भीतर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो लोकतांत्रिक तरीके से जिलाधिकारी का घेराव किया जाएगा.
इस दौरान मौजूद सफाई कर्मियों में निर्मल सिंह (प्राथमिक विद्यालय सिताबपुर), गोरख राम (गांधी उच्च विद्यालय धनसोई), सत्येंद्र राम (उच्च विद्यालय रसेन), सुनील चौधरी (उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमौली), कृष्णा राम (उत्क्रमित मध्य विद्यालय परसिया), रिंकू देवी (प्राथमिक विद्यालय मोहरिया) और मंजू देवी (मध्य विद्यालय कटरिया) शामिल रहे.
इस मामले में जिलाधिकारी विद्यानंद सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन मोबाइल नहीं उठाने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका. वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी संदीप रंजन ने बताया कि सफाई कर्मी एजेंसी के माध्यम से काम करते हैं, ऐसे में उन्हें मिलने वाले भुगतान के संदर्भ में एजेंसी ही कुछ बता सकती है. हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ दिनों से एजेंसी का भुगतान लंबित है, जो कर दिया जाएगा तो संभव है कि कर्मियों को भी भुगतान मिल जाए. लेकिन निर्धारित से कम राशि दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में सफाई एजेंसी ही जानकारी दे सकती है.
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