संगोष्ठी एवं आत्मशुद्धि उपवास कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की अगुवाई पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेपी सेनानी अश्विनी कुमार चौबे ने की. उन्होंने इस अवसर पर लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, राजनीति में वाक् शुचिता और आत्मशुद्धि के संकल्प के साथ एक दिवसीय उपवास रखा.

- वंशवाद और तुष्टीकरण के खिलाफ नई चेतना का दिवस बताया
- सैकड़ों जेपी सेनानियों और गणमान्यों की मौजूदगी में हुई संगोष्ठी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 123वीं जयंती पर शनिवार को पटना स्थित उनके आवास परिसर में महिला चरखा समिति सभागार में “संपूर्ण क्रांति, सशक्त लोकतंत्र और युवा शक्ति” विषय पर संगोष्ठी एवं आत्मशुद्धि उपवास कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की अगुवाई पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व बक्सर सांसद और जेपी सेनानी अश्विनी कुमार चौबे ने की. उन्होंने इस अवसर पर लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, राजनीति में वाक् शुचिता और आत्मशुद्धि के संकल्प के साथ एक दिवसीय उपवास रखा.
इस कार्यक्रम में देशभर से आए सैकड़ों जेपी सेनानी, लोकतंत्र सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि —
“जेपी की जयंती वंशवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति के विरुद्ध एक नई चेतना का दिवस है. आज जरूरत है कि हम युवाओं को जेपी के संकल्पों से जोड़कर सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ें.”
संगोष्ठी में वक्ताओं ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन और उनके सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की. इस अवसर पर अखिल भारतीय संपूर्ण क्रांति संगठन, जेपी सेनानी मंच और लोकतंत्र सेनानी संघ के संयुक्त तत्वावधान में जेपी आंदोलन के भुक्तभोगी सेनानियों और उनके परिजनों को सम्मानित भी किया गया.
कार्यक्रम में दिल्ली और विभिन्न राज्यों से आए प्रमुख अतिथियों में पूर्व सांसद कैलाश सोनी, पद्मश्री सुरेन्द्र किशोर, रीता किशोर, डॉ. किरण घई, पद्मश्री विमल जैन, जयप्रकाश महन्थ, डॉ. एम.के. मधु, कमला प्रसाद, शम्भू प्रसाद सिंह सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे.
इसके अलावा विशाल सिंह, मनोज मिश्र, अर्जित चौबे, किरण, इन्दू शरण, हरेन्द्र प्रताप, प्रकाश सहाय सहित बड़ी संख्या में जेपी सेनानियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया.
विधानसभा चुनाव कह दौरान इस आयोजन के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन, आयोजन लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आदर्शों — संपूर्ण क्रांति, सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और लोकशक्ति के सशक्तिकरण — को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त संदेश बनकर उभरा.
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