बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों को ‘मुक्ति आउटलेट’ के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है. दीपावली के अवसर पर इस बार बंदियों ने लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं के साथ मिट्टी के देव और सजावटी दियों का निर्माण किया है.
- कारा एवं सुधार विभाग की बेहतर पहल से मुख्य धारा में जुड़ेंगे बंदी
- दीपावली को लेकर बढ़ी ग्राहकों की भीड़, मिट्टी के दिए और प्रतिमाएं बनीं आकर्षण का केंद्र
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : कारा एवं सुधार विभाग के निर्देशानुसार बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसी क्रम में बक्सर केंद्रीय कारा में रह रहे बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों को ‘मुक्ति आउटलेट’ के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है. दीपावली के अवसर पर इस बार बंदियों ने लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं के साथ मिट्टी के देव और सजावटी दियों का निर्माण किया है, जिनकी बिक्री जेल परिसर स्थित इस आउटलेट से की जा रही है.
बंदियों के हाथों से तैयार किए गए मिट्टी के दिए और प्रतिमाएं न केवल सुंदर हैं, बल्कि आकर्षक रंगों और डिजाइन के कारण ग्राहकों को खूब पसंद आ रही हैं. खास बात यह है कि इन वस्तुओं की कीमत बाजार दर से काफी कम रखी गई है, जिससे यह आम लोगों के लिए एक बेहतर और सस्ता विकल्प बन गया है.
जेल अधीक्षक ज्ञानिता गौरव ने बताया कि बंदियों की रचनात्मकता और परिश्रम सभी के द्वारा सराहे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि “कारा प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ सजा देना नहीं, बल्कि बंदियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्य धारा में पुनः शामिल करना है.”
दीपावली के मौके पर मुक्ति आउटलेट पर इन वस्तुओं की मांग तेजी से बढ़ रही है. कई ग्राहक यहां से लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं और मिट्टी के दिए खरीद रहे हैं. प्रशासन का मानना है कि ऐसे प्रयास न केवल बंदियों को आत्मसम्मान का अनुभव कराते हैं, बल्कि समाज को भी यह संदेश देते हैं कि सुधार की राह हमेशा खुली रहती है.
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