इतनी भीषण थी कि पीछे वाली ट्रक का केबिन पूरी तरह से चकनाचूर हो गया. चालक और खलासी केबिन में फंस गए, जिन्हें स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया.

- कुहरा और तेज रफ्तार की वजह से ट्रकों की भीषण टक्कर, चालक की मौत, खलासी गंभीर
- स्थानीयों ने ट्रैफिक पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप, NH-922 पर नियमों का पालन नहीं
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर मंगलवार की अहले सुबह एक बार फिर भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसने ट्रैफिक व्यवस्था और यातायात निरीक्षक संजय कुमार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि फोरलेन पर ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कराया जाता, जिसके कारण यहां लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं.
घने कुहरे और तेज रफ्तार में ओवरटेक कर जल्दबाजी में बिहार–यूपी बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश इस हादसे का कारण बनी. औद्योगिक थाना क्षेत्र के कथकौली लड़ाई मैदान गेट के पास सुबह करीब साढ़े तीन बजे एक तेज रफ्तार ट्रक ने आगे चल रही बालू लदी ट्रक में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी.
टक्कर इतनी भीषण थी कि पीछे वाली ट्रक का केबिन पूरी तरह से चकनाचूर हो गया. चालक और खलासी केबिन में फंस गए, जिन्हें स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया.
दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने ट्रक चालक को मृत घोषित कर दिया. मृतक की पहचान मध्यप्रदेश निवासी जगदीश भेल, पिता छावा लाल भेल के रूप में हुई है. गंभीर रूप से घायल खलासी का इलाज अस्पताल में जारी है.
पुलिस ने मृतक चालक के परिजनों को सूचना दे दी है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दोनों ट्रकों को कब्जे में लेकर औद्योगिक थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता विनोधर ओझा ने ट्रैफिक व्यवस्था पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है. उनका कहना है कि ट्रैफिक पुलिस केवल बक्सर नगर में हेलमेट की जांच पर जोर देती है, जबकि वास्तविक आवश्यकता इस बात की है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर चलने वाले लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन कराना और उन्हें जागरूक करना अधिक जरूरी है. लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं देता.
ओझा के अनुसार, NH-922 पर बढ़ती दुर्घटनाओं का बड़ा कारण यह है कि यहां ट्रैफिक पुलिस नियमों को लागू नहीं करती, जिसके कारण लोग मनमाने ढंग से तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि समय रहते ट्रैफिक विभाग ने गंभीरता दिखाई होती तो हादसों की संख्या इतनी न बढ़ती.






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