इस आयोजन में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार, पोस्टर, बैनर, प्रतीक या नारेबाजी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. परिक्रमा केवल धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक स्वरूप में आयोजित होगी.
- 09 से 13 नवम्बर तक चलेगा धार्मिक, सांस्कृतिक और आस्था का महापर्व
- डीएम-एसपी ने दिए सख्त निर्देश, परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा, स्वच्छता और ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ऐतिहासिक पंचकोशी परिक्रमा का आयोजन इस वर्ष 09 नवम्बर से 13 नवम्बर 2025 तक बक्सर जिले में किया जा रहा है. आस्था, अध्यात्म और लोक परंपरा के इस महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. जिलाधिकारी बक्सर एवं पुलिस अधीक्षक बक्सर के निर्देशानुसार इस आयोजन को सफल, सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के अनुरूप होगी परिक्रमा की पूरी प्रक्रिया
चुनावी आचार संहिता (MCC) लागू होने के कारण जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक बक्सर ने यह स्पष्ट किया है कि इस आयोजन में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार, पोस्टर, बैनर, प्रतीक या नारेबाजी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. परिक्रमा केवल धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक स्वरूप में आयोजित होगी.
प्रशासन की तैयारियाँ और निगरानी व्यवस्था सुदृढ़
आयोजन की तैयारी की समीक्षा उप विकास आयुक्त, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता तथा सभी कार्यपालक पदाधिकारियों द्वारा लगातार की जा रही है. परिक्रमा मार्ग पर स्वच्छता, सफाई, कचरा निष्पादन और मार्ग सौंदर्यीकरण का कार्य अंतिम चरण में है.
जिलाधिकारी बक्सर ने निर्देश दिया है कि सभी Executive Officer अपने-अपने क्षेत्र में sanitation कार्य समय पर पूर्ण करें. Crowd flow अनुशासित और सुरक्षित रहे. मेडिकल टीम, पेयजल व्यवस्था, एम्बुलेंस और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम पूरी तरह अलर्ट मोड में रहें. परिक्रमा के अंतिम दिन सामूहिक लिट्टी-चोखा स्थल पर विशेष साफ-सफाई और निगरानी की व्यवस्था की जाए.
सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण की जिम्मेदारी संभालेगी पुलिस
पुलिस अधीक्षक बक्सर ने निर्देश दिया है कि पूरे मार्ग पर विधि-व्यवस्था की सुदृढ़ व्यवस्था रहे. संवेदनशील स्थानों पर बैरिकेडिंग, नियंत्रित प्रवेश-निकास प्रणाली लागू की जाए. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पैदल गश्ती, पेट्रोलिंग और नाका ड्यूटी सक्रिय रखी जाए. CCTV और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी. साथ ही रोड सेफ्टी, स्पीड कंट्रोल और वैज्ञानिक ट्रैफिक डायवर्जन प्लान भी लागू किया जाएगा.
पंचकोशी परिक्रमा मार्ग का धार्मिक महत्व
यह पंचकोशी यात्रा अहिरौली, नदांव, भभुअर, नुआंव और चरित्रवन से होकर गुजरती है. मान्यता है कि मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम ने राक्षसी ताड़का तथा अन्य राक्षसों का संघार करने के बाद पांच कोस में बसे अलग-अलग ऋषियों से जाकर आशीर्वाद प्राप्त किया था और उनके आश्रम पर विश्राम किया था. इस दौरान उन्होंने जो भी भोजन किया था इस भोजन को प्रसाद के स्वरूप में भक्त खाते हैं. यह यात्रा आत्म-शुद्धि, संयम और भक्ति का प्रतीक मानी जाती है.
अंतिम दिन होगी सामूहिक लिट्टी-चोखा की परंपरा
परिक्रमा का समापन 13 नवम्बर को पंचकोसी परिक्रमा स्थल के अंतिम पड़ाव विश्वामित्र आश्रम में अंतिम दिन लिट्टी-चोखा के आयोजन के साथ होगा, जो लोक-एकता, समरसता और बंधुत्व की अनूठी परंपरा का प्रतीक है.
जिला प्रशासन की अपील
बक्सर जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं, समाजसेवी संगठनों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस पवित्र पर्व में अनुशासन, स्वच्छता और शांति के साथ भाग लें. प्रशासन ने कहा है कि यह आयोजन जिले की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, और इसे गरिमापूर्ण रूप से संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियाँ पूर्ण हैं.







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