चारों विधानसभा में पहले दो को छोड़ सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त ..

पहले और दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी कोई भी इस सीमा तक नहीं पहुंच सका. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव लड़ने वाले अधिकांश छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने महज़ परिचय बनाने और उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से मैदान में कदम रखा था, लेकिन जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन नहीं दिया.






                                         





  • नाम बनाने की होड़ में मैदान में उतरे दावेदार, मतदाताओं ने पूरी तरह नकारा
  • कई हजार तो कई सैकड़े की संख्या में ही सिमटे

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले की चारों विधानसभा सीटों—बक्सर सदर, डुमरांव, राजपुर और ब्रह्मपुर—के चुनाव परिणामों ने एक बार फिर साबित किया है कि मतदाता किसे अपना भरोसा देते हैं और किसे नहीं. नतीजों ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में राजनीतिक पहचान बनाने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में प्रत्याशी मैदान में उतरे, लेकिन प्रतियोगिता पहले दो उम्मीदवारों तक सीमित रह गई. बाकी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार, प्रत्येक प्रत्याशी ने जमानत राशि के रूप में 10 हजार रुपये जमा किए थे. नियम के मुताबिक यदि कोई उम्मीदवार कुल वैध मतों का 16.6% मत प्राप्त नहीं करता है, तो उसकी जमानत स्वाभाविक रूप से जब्त हो जाती है.

चारों विधानसभा क्षेत्रों में कुल वैध मत इस प्रकार दर्ज किए गए—ब्रह्मपुर में 2,04,737, बक्सर सदर में 1,87,179, राजपुर में 2,10,468 और डुमरांव में 1,95,248. इन आंकड़ों के आधार पर जमानत बचाने के लिए प्रत्याशियों को भारी संख्या में मतों की आवश्यकता थी, लेकिन पहले और दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी कोई भी इस सीमा तक नहीं पहुंच सका. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव लड़ने वाले अधिकांश छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने महज़ परिचय बनाने और उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से मैदान में कदम रखा था, लेकिन जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन नहीं दिया.

बक्सर सदर विधानसभा का परिणाम

इस सीट पर भाजपा के आनंद मिश्रा ने 84,901 वोट प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया. कांग्रेस के संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी को 56,548 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे. इनके बाद सभी प्रत्याशी 16.6% की अनिवार्य मत सीमा को पार नहीं कर सके.
इनमें शामिल हैं—अभिमन्यु मौर्य (बसपा): 29,118, तथागत हर्षवर्धन (जसुपा): 7,920, राम प्रवेश सिंह: 1,570, मनोज कुमार: 1,469, विश्वामित्र कहार: 1,281, धर्म राज सिंह (AAP): 1,130, सोहन गोंड: 782, प्रमिला देवी: 569, पंकज कुमार पांडेय: 486, ओमजी कुमार: 409, नीतू कुमारी: 374, बिनोद कुमार सिंह: 359, विशेश्वर चौहान: 346 और नोटा को 1,356 वोट मिले.

डुमरांव विधानसभा का परिणाम

यहाँ जदयू के राहुल कुमार सिंह 79,411 मतों के साथ सबसे आगे रहे, जबकि माले के अजीत कुमार सिंह को 77,306 मत मिले. दोनों ही उम्मीदवार जमानत बचाने में सफल रहे.
अन्य सभी प्रत्याशी सीमा से नीचे रह गए—शिवांग विजय सिंह (जसुपा): 52,731, ददन यादव: 11,127, प्रदीप शरण: 4,967, हेमलता: 3,994, भीम कुमार: 2,660, मृत्युंजय कुमार सिंह: 1,763, प्रमिला देवी: 1,062, रवि प्रकाश सिन्हा: 994, मंतोष कुमार गोंड: 973, रवि शंकर राय: 949, उमेश राम: 919, रवि शंकर प्रसाद: 860, दिनेश सिंह: 822, सुशील कुमार शर्मा: 496 और नोटा को 3,050 मत मिले.

राजपुर विधानसभा का परिणाम

जदयू के संतोष कुमार निराला 80,368 वोट पाकर विजयी रहे. कांग्रेस के विश्वनाथ राम को 71,213 वोट मिले. यहाँ भी बाकी सभी उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके—
लालजी राम: 20,449, धनंजय कुमार: 12,406, शिव कुमार राम: 2,753, सुभाष राम: 2,514, अमर पासवान: 1,717, रामलाल राम: 1,386, शिवजी कुमार: 1,608, अनिल कुमार राम: 4,548, भीम राम: 971, बालेश्वर राम: 1,017, सूरज प्रकाश राम: 6,746 और नोटा: 2,769.

ब्रह्मपुर विधानसभा का परिणाम

इस सीट पर राजद के शंभूनाथ यादव 95,828 मतों के साथ सबसे आगे रहे. लोजपा रामविलास के हुलास पांडेय को 92,608 मत मिले. इनके अलावा बाकी सभी उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके—महावीर यादव: 4,599, विक्रमा गोंड: 1,605, शिवशंकर दास: 2,465, नीतीश कुमार: 2,276, मणि भूषण ओझा: 1,932, सुनील कुमार राय: 2,329 और नोटा: 2,751.

जिले के राजनीतिक माहौल पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि यह नतीजे संकेत देते हैं कि मतदाता अब केवल मजबूत उम्मीदवारों की ओर झुकाव दिखा रहे हैं, जिससे अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए चुनावी जमीन और कठिन होती जा रही है.










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