वर्ष 2025 की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में 1673 मामलों का निपटारा, 4.02 करोड़ रुपये की समझौता राशि तय ..

इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव, व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी एवं कार्यालय कर्मी उपस्थित थे. मंच संचालन पैनल अधिवक्ता द्वारा किया गया. लोक अदालत की कार्यवाही पूर्वाह्न 10 बजे से प्रारंभ हुई.

 




                                         




  • तेरह बेंचों के माध्यम से बैंक, यातायात, आपराधिक, विद्युत समेत विभिन्न वादों का सुलह के आधार पर निष्पादन
  • लोक अदालत को बताया गया सुलभ और त्वरित न्याय का प्रभावी माध्यम, नेत्र जांच शिविर का भी आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार 13 दिसंबर 2025 को वर्ष 2025 की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1673 मामलों का सुलह-समझौते के आधार पर निपटारा कराया गया. वादों के निष्पादन के लिए कुल तेरह बेंच गठित की गई थीं. इन मामलों में कुल 04 करोड़ 02 लाख 37 हजार 406 रुपये की समझौता राशि तय की गई, जिससे बड़ी संख्या में पक्षकारों को एक ही दिन में राहत मिली.

राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. उद्घाटन समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर, प्रथम प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय, अवर जिला पदाधिकारी, अवर पुलिस अधीक्षक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष, विधिक सहायता प्रतिरक्षा प्रणाली के मुख्य अधिवक्ता सहित अन्य गणमान्य पदाधिकारी मंचासीन रहे. इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव, व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी एवं कार्यालय कर्मी उपस्थित थे. मंच संचालन पैनल अधिवक्ता द्वारा किया गया. लोक अदालत की कार्यवाही पूर्वाह्न 10 बजे से प्रारंभ हुई.

अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष ने कहा कि लोक अदालत मुकदमों के त्वरित, सुलभ और सौहार्दपूर्ण निपटारे का प्रभावी माध्यम है. इसमें न कोई पक्ष हारता है और न ही कोई जीतता है, बल्कि दोनों पक्षों की जीत होती है. उन्होंने पक्षकारों से अपील की कि वे सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन कराएं. वहीं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य न्यायालयों पर बढ़ते मुकदमों के बोझ को कम करना और आम लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है, जहां पक्षकारों की सहमति से वादों का निपटारा किया जाता है और सुलह होने पर अवार्ड पारित किया जाता है.

आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक से जुड़े 575 वादों का निपटारा किया गया, जिनमें 2 करोड़ 57 लाख 70 हजार 082 रुपये की समझौता राशि तय हुई. इसके अलावा यातायात के 647, आपराधिक 134, विद्युत के 240, वैवाहिक 1, जिला परिवहन पदाधिकारी से संबंधित 6 तथा एनआई एक्ट के 2 मामलों का निष्पादन कराया गया. विभिन्न बैंकों की रिकवरी से जुड़े 68 मामलों में कुल 60 लाख 58 हजार 90 रुपये की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किए गए.

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय की ओर से नेत्र जांच शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें चिकित्सकों की टीम ने न्यायालय परिसर में उपस्थित लोगों और आम नागरिकों की आंखों की जांच की. चिकित्सकों ने लोगों को गंभीर बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता के बारे में भी जानकारी दी. उपस्थित लोगों ने इस पहल को सराहनीय बताया.

राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अवर न्यायाधीश, मुंसिफ, न्यायिक दंडाधिकारी, पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयंसेवक तथा कार्यालय कर्मी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.










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