डुमरांव में राजगढ़ चौक से एक विशाल आक्रोश मार्च निकाला गया. मार्च में बड़ी संख्या में युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया.
- विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के बैनर तले निकला विशाल आक्रोश मार्च, जमकर हुई नारेबाजी
- प्रधानमंत्री का पुतला दहन कर भारत सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हो रहे निरंतर, सुनियोजित और निर्मम अत्याचारों के खिलाफ अब भारत की सड़कों पर जनाक्रोश खुलकर सामने आने लगा है. चारों ओर इसका विरोध हो रहा है लोगों का कहनाह कि बीते दिनों बांग्लादेश में राजू दास नामक निर्दोष हिंदू युवक की नृशंस हत्या ने न केवल मानवता को शर्मसार किया है, बल्कि पूरे हिंदू समाज के आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है. इस जघन्य हत्याकांड और वहां हो रहे अमानवीय कुकृत्यों के विरोध में देशभर में आक्रोश व्याप्त है और इसी क्रम में डुमरांव में भी युवाओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के बैनर तले डुमरांव में राजगढ़ चौक से एक विशाल आक्रोश मार्च निकाला गया. मार्च में बड़ी संख्या में युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. हाथों में तख्तियां, आंखों में आक्रोश और हृदय में पीड़ा लिए प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. “बांग्लादेशी सरकार मुर्दाबाद”, “हिंदुओं पर हो रही हत्याएं बंद करो” और “जिस युवक का खून नहीं खौला, वह खून नहीं पानी है” जैसे गगनभेदी नारों से पूरा इलाका गूंज उठा.
आक्रोश मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री यूनुस खान का पुतला रस्सी में बांधकर घसीटा और नया थाना परिसर पहुंचकर पुतला दहन किया. यह पुतला दहन बांग्लादेश सरकार की नाकामी, हिंदू विरोधी मानसिकता और मूकदर्शक बने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति गहरा रोष व्यक्त करने का प्रतीक रहा. कार्यक्रम का नेतृत्व विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष संटू मित्रा ने किया.
पुतला दहन के उपरांत आयोजित आक्रोश सभा की अध्यक्षता प्रोफेसर श्याम नारायण राय ने की, जबकि संचालन युवा नेता दीपक यादव ने किया. वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को योजनाबद्ध तरीके से डराया जा रहा है, उनकी हत्याएं की जा रही हैं, मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है और हिंदू परिवारों को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है. वहां का हिंदू समाज आज खुद को असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रहा है तथा उसकी निगाहें भारत की ओर टिकी हुई हैं.
वक्ताओं ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह केवल बांग्लादेश का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है. भारत सरकार से मांग की गई कि वह कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों पर कठोर कार्रवाई कराए.
सभा को वीरेंद्र राय, समता कुमार, सुनील सिद्धार्थ, अजय प्रताप सिंह, चुनमुन वर्मा, शक्ति राय, रमेश केसरी, विमलेश सिंह, उमेश गुप्ता, विकास पाठक, राजीव गुप्ता, लाल जी केसरी, अंजू शर्मा, सूर्यवंशी, राहुल प्रताप सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया. कार्यक्रम के अंत में अभिषेक रंजन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं को न्याय और सुरक्षा नहीं मिलती.
इस अवसर पर अभिषेक चौरसिया, शुभम सिन्हा, अभिषेक पाठक, अतिश शर्मा, राजा यादव, अनिल वर्मा, गोलू कुमार, विकास राज, मुखिया कुशवाहा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.





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