सरकार की इस पहल से बक्सरवासियों में उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में पर्यटन विकास को गति मिलेगी, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और बक्सर को उसकी ऐतिहासिक पहचान के अनुरूप सम्मान मिलेगा.
- वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मिश्रा के पत्र पर राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने लिया संज्ञान
- स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत भगवान वामन मंदिर और गंगा कॉरिडोर के विकास की उम्मीद
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत से समृद्ध बक्सर को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल सामने आई है. बक्सर के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं दूरसंचार सलाहकार समिति (पटना सर्किल) के सदस्य विजय कुमार मिश्रा के प्रयासों के बाद अब इस मुद्दे पर केंद्र सरकार स्तर पर कार्रवाई आगे बढ़ी है. पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने बक्सर पंचकोशी को स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत पर्यटन सर्किट में शामिल करने के प्रस्ताव पर पर्यटन मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा है.
विजय कुमार मिश्रा ने 05 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय राज्यमंत्री को पत्र लिखकर बक्सर जिले के पौराणिक महत्व को रेखांकित किया था. पत्र में उल्लेख किया गया था कि बक्सर भगवान वामन की अवतार स्थली, प्रभु श्रीराम की शिक्षा भूमि, महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली, माता अहिल्या के उद्धार स्थल और च्यवन ऋषि की जन्मभूमि रही है. गंगा तट पर स्थित बक्सर में प्रतिवर्ष पंचकोशी परिक्रमा और विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं.
पत्र में यह मांग भी की गई थी कि भगवान वामन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए और गंगा कॉरिडोर का निर्माण हो. बताया गया था कि भगवान वामन का मंदिर वर्तमान में केंद्रीय कारागार परिसर में स्थित है, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जबकि हर वर्ष भव्य रथयात्रा और जन्मोत्सव में लाखों लोग शामिल होते हैं.
इस प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए 12 नवम्बर 2025 को केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर विजय कुमार मिश्रा के आवेदन पर विचार करते हुए उचित कार्रवाई कराने का अनुरोध किया है. पत्र की प्रति विजय कुमार मिश्रा को भी भेजी गई है.
केंद्र सरकार की इस पहल से बक्सरवासियों में उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में पर्यटन विकास को गति मिलेगी, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और बक्सर को उसकी ऐतिहासिक पहचान के अनुरूप सम्मान मिलेगा.





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