वीडियो: कोरोना संकट काल में जेल प्रशासन के लिए वरदान साबित हो रहा अंडा सेल

कोरोना वायरस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए जाने पर उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. बाहर से आने वाले कैदियों के लिए अंडा सेल में सात अलग कमरे रखे गए हैं. इसके अतिरिक्त जेल में बंद ऐसे कैदी जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. उन्हें भी अन्य कैदियों से अलग अंडा सेल में रखा जा रहा है.

- केंद्रीय कारा में बने नवनिर्मित भवन में क्वॉरेंटाइन किए जा रहे आगत बंदी
- संक्रमण के प्रसार को रोकने में मददगार साबित हो रहा उच्च सुरक्षा सेल.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जहां देशभर में लॉक डाउन किया गया है वहीं, दूसरी तरफ जेल में आने वाले कैदियों के माध्यम से किसी अन्य कैदी में इस वायरस का संक्रमण नहीं फैले इसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर कैदियों को पहले क्वॉरेंटाइन करने के बाद ही अन्य बंदियों के साथ रखे जाने का निर्देश जारी किया गया है. हालांकि, केंद्रीय कारा के जर्जर भवन में पहले से ही क्षमता से ज्यादा कैदी रखे हुए हैं. ऐसे में बाहर से आए कैदियों को अलग रखना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य था.

इस परिस्थिति में केंद्रीय कारा में बन रहे उच्च सुरक्षा सेल(अंडा सेल) का भवन जेल प्रशासन के लिए वरदान साबित हुआ है. बताया जा रहा है कि, नवनिर्मित अंडा सेल सर्व सुविधा संपन्न है. जिसके कारण क्वॉरेंटाइन किए गए कैदियों को उस सेल में रहने में कोई असुविधा नहीं होती है. वहीं, बाहर से आए कैदियों के संपर्क में अन्य कैदी ना आए इसके लिए आगत कैदियों को सेल में ही भोजन भी पहुंचा दिया जाता है.

कई वर्षों से टल रहा था निर्माण का कार्य:

बताया जा रहा है कि, इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी डेवलपमेंट, बिहार के द्वारा इस उच्च सुरक्षा सेल का निर्माण कराया गया है. हालांकि, इसका निर्माण वर्ष 2007-08 से ही विभिन्न कारणों से टलता चला रहा था लेकिन, कोरोना संकट काल के ठीक पहले यह सेल बनकर तैयार हो गया. इसमें तकरीबन 25 कमरें हैं। जिनमें प्रसाधन के साथ ही विद्युत तथा जलापूर्ति भी शुरु है. नवनिर्मित सेल के सभी कमरे इतने बड़े हैं. जिसमें प्रत्येक में एक साथ पांच कैदी रखे जा सकते हैं. अच्छी बात यह है कि, यह सेल अन्य बंदी वार्डों से दूर बनाया गया है.

स्क्रीनिंग के बाद किया जाता है कैदियों को क्वॉरेंटाइन:

विभिन्न आरोपों में जेल में आने वाले कैदियों की पहले सदर अस्पताल में स्क्रीनिंग होती है. तत्पश्चात जेल आने के बाद कैदियों को पहले 7 दिनों तक अंडासेल में रखा जाता है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने के पश्चात स्वास्थ्य जांच के साथ पुनः कोरोना वायरस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए जाने पर उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. बाहर से आने वाले कैदियों के लिए अंडा सेल में सात अलग कमरे रखे गए हैं. इसके अतिरिक्त जेल में बंद ऐसे कैदी जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. उन्हें भी अन्य कैदियों से अलग अंडा सेल में रखा जा रहा है.

कहते हैं अधिकारी:

कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए आगत कैदियों को अन्य कैदियों से अलग रखे जाने का निर्देश वरीय अधिकारियों से प्राप्त हुआ था. जिसके आलोक में नए भवनों की आवश्यकता पड़ती. ऐसे में अंडा सेल वरदान साबित हुआ है.

विजय कुमार अरोड़ा 
कारा अधीक्षक, केंद्रीय कारा
देखिए वीडियो:














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