आइएमए ने वापस लिया विरोध का फैसला, बोले अश्विनी चौबे, "कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा और प्रतिष्ठा सर्वोपरि .."

इन पर किसी भी तरह का उत्पीड़न व दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और शारीरिक हिंसा महामारी रोग संशोधन अध्यादेश 2020 के तहत अब एक दंडनीय अपराध माना जाएगा. ऐसा करने वाले को कठोर सजा मिलेगी. 

- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से हुई वार्ता के बाद लिया गया विरोध न करने का फैसला
- गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रहे मौजूद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि, कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा एवं प्रतिष्ठा सर्वोपरि है. यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. इन पर किसी भी तरह का उत्पीड़न व दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और शारीरिक हिंसा महामारी रोग संशोधन अध्यादेश 2020 के तहत अब एक दंडनीय अपराध माना जाएगा. ऐसा करने वाले को कठोर सजा मिलेगी. 

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने जनता से अपील करते हुए कहा कि, हम अपने स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के प्रति सम्मान व्यक्त करें. जो खुद घर से बाहर रहते हैं ताकि हम अपने घर में सुरक्षित रहें.

केंद्रीय मंत्री के मीडिया प्रभारी नितिन मुकेश ने बताया कि, बुधवार की सुबह में गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन तथा स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ बातचीत की. उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए अपील की कि, वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध न करें. बातचीत के उपरांत आईएमए ने अपना प्रतीकात्मक विरोध वापस ले लिया है. नितिन मुकेश ने बताया कि, केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आभार व्यक्त किया है.













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