सजा पूरी होने पर भी जेल से नहीं छूटा कैदी तो मांगा 1 लाख रुपये का मुआवजा ..

न्यायालय के आदेश और दंडादेश के बावजूद सुनाई गई सजा की अवधि भुगतने के बाद भी सजायाफ्ता कैदी जेल से नहीं छूटा तो न्यायालय से अवैध रूप से कारा में रखने के लिए 1 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग कर दी गई है. उधर, न्यायालय ने कैदी के आवेदन पर तत्काल कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा से कारण पृच्छा निर्गत कर उन्हें न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर कारण बताने का निर्देश दिया गया है.

- कैदी के अधिवक्ता ने न्यायालय में दायर की याचिका, कहा-कारावास अवधि पूरी होने के बाद भी नहीं किया गया है रिहा
- न्यायालय के द्वारा जेल सुपरिटेंडेंट से किया गया शो-कॉज़, सदेह उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: कारा अवधि से ज्यादा समय केंद्रीय कारा में रखे जाने की बात कहते हुए एक सजायाफ्ता कैदी ने एक लाख रुपये की मुआवजा देने की मांग की है. कैदी के अधिवक्ता के द्वारा इस संदर्भ में व्यवहार न्यायालय के  अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम राकेश मिश्र की अदालत में याचिका दायर कर कहा गया है कि कैदी को न्यायालय के आदेश और दंड आदेश के बावजूद सुनाई गई सजा अवधि के बाद भी जेल से नहीं छोड़ा गया. इस संदर्भ में न्यायाधीश के द्वारा केंद्रीय कारा के कारा अधीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की गई है.

इस संदर्भ में न्यायिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नगर के शांति नगर मुहल्ले से पुलिस ने मादक द्रव्य तस्कर विजय चौधरी को 18 पुड़िया हेरोइन के साथ पिछले वर्ष 17 अप्रैल को तत्कालीन इंस्पेक्टर अविनाश कुमार के नेतृत्व में गिरफ्तार किया था. न्यायालय में उक्त अभियुक्त को दोषी करार देते हुए उसे 1 वर्ष की सजा और उस पर 10 हज़ार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया था. अर्थदंड नहीं देने पर 2 माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया था. 

न्यायालय के आदेश और दंडादेश के बावजूद सुनाई गई सजा की अवधि भुगतने के बाद भी सजायाफ्ता कैदी जेल से नहीं छूटा तो न्यायालय से अवैध रूप से कारा में रखने के लिए 1 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग कर दी गई है. उधर, न्यायालय ने कैदी के आवेदन पर तत्काल कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा से कारण पृच्छा निर्गत कर उन्हें न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर कारण बताने का निर्देश दिया है. कारण पृच्छा की प्रति जिलाधिकारी बक्सर को भी अग्रेतर कार्यवाही हेतु भेज दी गई है. 

विदित हो कि अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम राकेश मिश्र ने एन डी पी एस केस संख्या 3/2019 में अभियुक्त विजय चौधरी को 19 जून 2020 तक ही सजा सुनाई थी. ठीक अगले दिन सजायाफ्ता क़ैदी को जेल से रिहा कर देना था लेकिन, चार दिन तक जब जेल से वह नहीं छूटा तो न्यायालय में मुआवजा दिलाने की गुहार लगायी है.

इस संदर्भ में पूछे जाने पर कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि न्यायालय से मिले पत्र के आलोक में विधि सम्मत जवाब न्यायालय को दिया जाएगा.











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