कहा कि वह तकरीबन 12 साल से अपनी सेवाएं स्वास्थ्य विभाग को दे रहे हैं. इसी बीच राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध कर लिया गया है. नई कंपनी के द्वारा सभी डाटा इंट्री ऑपरेटरों को टाइपिंग टेस्ट के साथ मेरिट के बाद आरक्षण रोस्टर लागू कर करने की बात कही जा रही है.
- राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा अनुबंधित नई एजेंसी ने ऑपरेटरों के समक्ष रखी हैं कई शर्तें
- ऑपरेटरों ने कहा सरकार कर रही है उन्हें हटाने की साजिश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध जताया. सभी ने राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा चयनित नई एजेंसी के द्वारा किए जा रहे नियम विरोधी कार्यों का विरोध जताते हुए अपने समायोजन की माँग है.
जानकारी देते हुए डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने कहा कि वह तकरीबन 12 साल से अपनी सेवाएं स्वास्थ्य विभाग को दे रहे हैं. इसी बीच राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध कर लिया गया है. नई कंपनी के द्वारा सभी डाटा इंट्री ऑपरेटरों को टाइपिंग टेस्ट के साथ मेरिट के बाद आरक्षण रोस्टर लागू कर करने की बात कही जा रही है. साथ ही यह भी सहमति मांगी जा रही है कि इन्हें बिहार के दूसरे राज्यों में भी सेवाएं देने के लिए भेजा जा सकता है जबकि, सरकार के नियमानुसार अल्प वेतनभोगी अथवा संविदा या निविदा कर्मियों को अन्य जिलों में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. ऐसे में यह साफ प्रतीत हो रहा है सभी ठाठा इंट्री ऑपरेटरों को हटाने की साजिश की जा रही है जबकि, डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी अपने दायित्वों का निर्वाहन निष्ठा पूर्वक किया.
ऐसे में सभी डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने सरकार से यह मांग की है कि सरकार बिना किसी शर्त सभी का समायोजन करें अन्यथा ऑपरेटर आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे. इस संदर्भ में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि ऑपरेटरों की मांग से विभाग को अवगत करा दिया गया है आगे भी विभाग के निर्देशों का इंतज़ार है.
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