सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में खुलेआम आयोजित हो रही खेल प्रतियोगिताएं, प्रशासन मौन : अंकित द्विवेदी

उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया कि क्या पूरे देश से अलग जिले में खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छूट दे गयी हैं? और यदि नहीं तो क्या ऐसे आयोजनों पर प्रशासन की नजर नहीं हैं?

- युवा नेता ने कहा, छूट ने नाम पर उड रही नियमों की धज्जियां
- कहा, संक्रमण के वाहक बन सकते हैं लोग, चेतने की है जरूरत

बक्सर टाॅप न्यूज, बक्सर: कोरोना काल में हुए लॉक डाउन के बाद अब अनलॉक 1.0 में मिली छूट को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं. ओं भ्रांतियों की वजह से लोग अब यह समझ बैठे हैं कि कोरोना का खतरा टल गया है. हालांकि, यह खतरा टला नहीं बल्कि, और भी बढ़ा है. ऐसे में लोगों को पहले से भी ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है. यह कहना है राष्ट्रीय युवा महोत्सव प्रतिनिधि व छात्र इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र नेता अंकित द्विवेदी का. 

उन्होंने सुबह कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए बताया कि कैसे दर्जनों लोग विभिन्न जगहों पर एकत्रित होकर मनोरंजन का काम कर रहें हैं. अंकित ने कहा कि इन दिनों सबसे ज्यादा क्षेत्रों क्रिकेट टूर्नामेंट जैसे आयोजन हो रहें हैं. जहाँ कि कई नामचीन चेहरे के साथ-साथ प्रतिनिधि व जन प्रतिनिधियों की भी भागीदारी हो रही हैं और खुलेआम फेसबुक पर तस्वीर भी डाली  जा रही हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया कि क्या पूरे देश से अलग जिले में खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छूट दे गयी हैं? और यदि नहीं तो क्या ऐसे आयोजनों पर प्रशासन की नजर नहीं हैं?

उन्होंने कहा कि एक तरफ जहाँ जिला प्रशासन रोको-टोको मुहिम चला रहा है वहीं, दूसरी ओर इस प्रकार के चीजें हो रही है. ऐसे में हम प्रवासी होकर भी आज मजबूर हो गए इस विषय पर बोलने के लिए. उन्होंने कहा कि जिले ने संक्रमण के लिहाज़ से दो बार 50-50 के आँकड़े पार किए फिर लोगों को चेतने के बजाय इस प्रकार की गतिविधियाँ निश्चय ही खुलेआम कोरोना को न्यौता देना है.

उन्होंने जिला प्रशासन, सभी प्रतिनिधियों, युवाओं व छात्रनेताओं विशेषकर ग्रामीण अंचलों के लोग से यह अपील करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों को रोकें व न होने दे, फूल-माला पहनने, माहौल बनाने व लोकप्रियता के चक्कर में कहीं किसी को आप कोरोना परोसने को अग्रसर न हो.













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