इधर, बाल कल्याण समिति की नवगठित कमिटी के सदस्य डॉ. शशांक शेखर ने इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा से की.जिन के निर्देश पर राजपुर थाना पुलिस द्वारा बच्चे तथा उनके संरक्षक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
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सीडब्ल्यूसी में पहुंचे लोग |
- पुलिस अभिरक्षा से बच्चे को लेकर भागे संरक्षक, राजपुर थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश
- आंगनबाड़ी सेविका पर भी लग रहा गलत जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आरोप
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के समाहरणालय के समीप अवस्थित बाल कल्याण समिति परिसर में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब एक बच्चे को अपनी अभिरक्षा में ले रही बाल कल्याण समिति से छह माह से उसकी परवरिश कर रहे लोग उलझ गए. इस दौरान कुछ लोग पुलिस अभिरक्षा से बच्चे को लेकर भाग खड़े हुए. वहीं, कुछ लोगों ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. बाद में जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तो बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक को इस बात की सूचना दी. जिसके बाद पुलिस लाइन से दर्जनों पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे एवं बच्चे की परवरिश करने वाले ग्रामीण नंदजी राम उनकी पत्नी बिंदा देवी तथा अन्य लोगों को हिरासत में लेते हुए नगर थाने ले गए. बाद में एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह बच्चे को सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष दिसंबर माह की 25 तारीख को राजपुर थाना क्षेत्र के कटरिया गांव में सड़क के किनारे फेंका एक नवजात बरामद किया गया था. स्थानीय लोगों द्वारा इस बात की सूचना चाइल्ड लाइन को दी गई. हालांकि, चाइल्डलाइन के द्वारा मौके पर पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि स्थानीय निवासी नंद जी राम ने उस बच्चे को अपने पास रख लिया है. बताया जा रहा है कि नंदजी राम की पहले से दो पुत्रियां थी. ऐसे में वह नवजात को अपना पुत्र बना कर रखना चाह रहे थे. उधर, बाल कल्याण समिति के द्वारा कई बार राजपुर थाने को पत्राचार किया गया. लेकिन, उनके द्वारा भी बच्चे को उपलब्ध नहीं कराया जा सका. इधर, बाल कल्याण समिति की नवगठित कमिटी के सदस्य डॉ. शशांक शेखर ने इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा से की.जिन के निर्देश पर राजपुर थाना पुलिस द्वारा बच्चे तथा उनके संरक्षक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
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सीडब्ल्यूसी को पुलिस ने सौंपा बच्चा |
बताया जा रहा है कि पुलिस ने उन्हें यह कह कर बुलाया था कि कुछ कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद बच्चा पूरा होने सौंप दिया जाएगा. बक्सर पहुंचने के बाद बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह, सदस्य नवीन पाठक तथा योगिता सिंह ने नवजात के संरक्षक नंदजी राम तथा उनकी पत्नी बिंदा देवी की काउंसलिंग की तथा उन्हें समझाया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार लावारिस हालत में मिले बच्चों को सीधे तौर पर किसी को नहीं दिया जा सकता. संबंधित बच्चे को आश्रय स्थल पहुंचा दिया जाता है. यदि कोई दंपत्ति इच्छुक है तो वह दत्तक ग्रहण की कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर बच्चे को गोद ले सकता है. हालांकि, यह भी निश्चित नहीं है कि वही बच्चा उन्हें मिल सके.
यह बात सुनते ही बच्चे के संरक्षक नंद जी राम तथा बिंदा देवी समेत पहुंचे अन्य लोग आक्रोशित हो गए तथा उन्होंने हंगामा मचाना शुरू किया. इसी बीच कुछ लोग बच्चे को पुलिस अभिरक्षा से लेकर भाग खड़े हुए. अराजक स्थिति देखकर सदस्यों ने एसपी को सूचना देते हुए अतिरिक्त पुलिस बलों की मांग की. जिसके बाद पुलिस लाइन से मौके पर पहुंची अतिरिक्त पुलिस बलों की सहायता से सभी को नगर थाने पहुंचाया गया.
आंगनबाड़ी सेविका ने बनाया है फर्जी जन्म प्रमाण पत्र:
बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. शशांक शेखर ने कहा कि, बच्चे की सुपुर्दगी के दौरान एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसमें राजपुर थाना क्षेत्र के बन्नी पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 94 के द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर उस बच्चे को बरामदगी के 1 दिन पूर्व जन्म की बात दिखाई गयी है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र के विरुद्ध भी उचित कार्रवाई करने हेतु विभाग को लिखा जाएगा. साथ ही संरक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए बच्चे को रेस्क्यू कर लाने का निर्देश राजपुर थानाध्यक्ष को दिया गया है.
मामले में पूछे जाने पर एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि वह स्वयं नगर थाने पहुंचे थे तथा बच्चे के संरक्षकों से बात कर बच्चे को सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द करा दिया गया.
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