विश्व पर्यावरण दिवस पर केंद्रीय मंत्री ने किया पौधारोपण, संपूर्ण क्रांति दिवस पर जेपी को किया याद ..

दस बावड़ी के बराबर एक सरोवर, दस सरोवर के समान एक पुत्र और दस पुत्रों के समान एक वृक्ष का महत्त्व होता है. हम सभी को आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर पर्यावरण से सुसज्जित वातावरण देना है. इसलिए हम सभी विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रण करते हैं कि अधिक संख्या में पौधे लगाएंगे.

- अपने कार्यालय में किया पौधारोपण, लोगों से भी कि आगे आने की अपील
- संपूर्ण क्रांति को किया याद कहा, नवनिर्माण के लिए हुई थी क्रांति

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधारोपण कर पर्यावरण को संरक्षित रखने का संदेश दिया.

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति हम सभी को संवेदनशील रहना चाहिए. नियमित रूप से पौधारोपण कर उसे सुरक्षित करने का भी प्रयास करते रहने की जरूरत है. उन्होंने पुराणों का संदर्भ देते हुए कहा कि मत्स्य पुराण के अनुसार दस कुएं के बराबर एक बावड़ी होती है. दस बावड़ी के बराबर एक सरोवर, दस सरोवर के समान एक पुत्र और दस पुत्रों के समान एक वृक्ष का महत्त्व होता है. हम सभी को आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर पर्यावरण से सुसज्जित वातावरण देना है. इसलिए हम सभी विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रण करते हैं कि अधिक संख्या में पौधे लगाएंगे.

परिवर्तन और नव निर्माण के लिए के लिए जानी जाती है संपूर्ण क्रांति: अश्विनी चौबे

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर 5 जून 1974 को शुरू हुए आंदोलन की यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि संपूर्ण क्रांति परिवर्तन और नव निर्माण के लिए था. आज भी दिन वह अक्षरश: याद है. इसमें श्री चौबे ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. वे संपूर्ण क्रांति के अग्रिम पंक्तियों में शामिल थे.
इस दौरान उन्हें दी गई यातनाओं को याद किया केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई थी.

जेपी ने 5 जून 1974 के दिन पटना के गांधी मैदान में औपचारिक रूप से संपूर्ण क्रांति की घोषणा की थी. देखते ही देखते जन आंदोलन बन गया था. बिहार से शुरू होकर पूरे देश में यह आंदोलन फैल गया था. यह आंदोलन भ्रष्टाचार को केंद्र में रख कर शुरू हुआ था. बाद में यह संपूर्ण क्रांति में परिवर्तित हो गया. मुख्य लक्ष्य हो गया था, देश का नवनिर्माण.












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