जबरन सेवानिवृत्ति पर कर्मियों ने जलाई सरकारी आदेश की प्रतियां, कहा - राजनीति में भी हो 50 की उम्र में रिटायरमेंट ..

नेताओं ने कहा कि एक तरफ जहां 50 वर्ष की उम्र पर एक कर्मचारी को नाकारा बना दिए जाने की बात कही जा रही है वहीं, दूसरी तरफ 60 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनको ठीके पर रखे जाने की बात कही जा रही है.

- सरकार द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश का कर्मचारी संघ ने किया विरोध
- जिला मुख्यालय तथा विभिन्न प्रखंडों के मुख्यालय पर जलाई गई आदेश की प्रतियां

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर जिला मुख्यालय समेत अनुमंडल, तथा अंचल मुख्यालय स्तर पर दिन में तकरीबन 1:00 बजे बिहार सरकार द्वारा निर्गत अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश की प्रति को जलाया गया. जिले के तमाम कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने अपने स्तर पर बिहार सरकार के आदेश की प्रति जलाई.


इस संदर्भ में जानकारी देते हुए जिला अध्यक्ष संजय कुमार त्रिपाठी एवं जिला मंत्री अरुण ओझा तथा वरीय उपाध्यक्ष अमर नाथ सिंह ने बताया कि पूर्व में ही सभी राजपत्रित कर्मचारियों का आह्वान करते हुए उन्हें इस प्रदर्शन में शामिल होने का अनुरोध किया गया था. उन्हें यह बताया गया था कि सरकार कर्मचारियों से दोहरी नीति अपनाकर अपना असली चेहरा दिखा रही है. नेताओं ने कहा कि एक तरफ जहां 50 वर्ष की उम्र पर एक कर्मचारी को नाकारा बना दिए जाने की बात कही जा रही है वहीं, दूसरी तरफ 60 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनको ठीके पर रखे जाने की बात कही जा रही है. यह दोहरी नीति अगर लागू करनी है तो राजनीति में भी तमाम 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की छंटनी कर देनी चाहिए.

दरअसल, सरकार के नए निर्देश के मुताबिक खुद को उपयोगी साबित नहीं कर पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी. कम से कम तीन माह पूर्व सूचना अथवा तीन माह के वेतन की समतुल्य राशि देकर 30 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने पर सेवानिवृत्ति की जा सकती है.













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