औद्योगिक विकास के लिए बियाडा ने शुरू की उत्पाद समावेश की पहल ..

जो राइस मिल वर्ष में ऑफ़ सीजन में बंद रहते हैं उनमें उस समय आटा, सत्तू, बेसन तथा मसाला मिल का संचालन किया जा सकता है. इसके लिए विशेष यंत्रों की स्थापना भी नहीं करनी होगी बल्कि, छोटी-छोटी मशीनों की स्थापना करने उत्पाद समावेश के द्वारा आटा सत्तू बेसन तथा मसाला आदि का उत्पादन कर बेहतर लाभ कमाया जा सकता है.
औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी औद्योगिक इकाई

- ऑफ सीजन में भी चलते रहेंगे उद्योग, प्रवासी श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
- 12 औद्योगिक इकाइयों के संचालकों ने दिया आवेदन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: लॉकडाउन के बाद बिहार सरकार के द्वारा जहां उद्योगों के पुनरुद्धार तथा पुनर्स्थापन की योजनाएं बनाई जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ जो औद्योगिक इकाइयां भी चल रही है. उनके लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरण के द्वारा उत्पाद समावेश की योजना बनाई जा रही है. बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत वैसे उद्योग जो वर्ष में लंबे समय तक बंद रहते हैं. उस समय में कोई और कार्य उसी परिसर में कर अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते हैं. बताया जा रहा है कि जो राइस मिल वर्ष में ऑफ़ सीजन में बंद रहते हैं उनमें उस समय आटा, सत्तू, बेसन तथा मसाला मिल का संचालन किया जा सकता है. इसके लिए विशेष यंत्रों की स्थापना भी नहीं करनी होगी बल्कि, छोटी-छोटी मशीनों की स्थापना करने उत्पाद समावेश के द्वारा आटा सत्तू बेसन तथा मसाला आदि का उत्पादन कर बेहतर लाभ कमाया जा सकता है.

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बिहार के स्थानीय प्रबंधक नवीन कुमार बताते हैं कि अभी तक 12 राइस मिलर तथा अन्य उद्योग संचालकों ने उनसे संपर्क किया है जो उत्पाद समावेश के माध्यम से सत्तू, बेसन, मसाला आदि का प्लांट स्थापित करना चाहते हैं. प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद भी अपना कार्य शुरू कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि उत्पाद समावेश के कारण एक तरफ जहां औद्योगिक इकाइयां सालों भर कार्यरत रहेंगी वहीं, दूसरी तरफ श्रमिकों को भी रोजगार मिलेगा.

श्रम संसाधन पोर्टल से मिलेंगे सस्ते श्रमिक:

बताया जा रहा है कि जो भी श्रमिक बाहर के राज्यों से आए हैं उन्हें रोजगार दिलाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. इसके लिए श्रम संसाधन पोर्टल पर सभी श्रमिकों का डाटा फीड किया गया है. जहां कोई भी व्यक्ति अपने आसपास के क्षेत्र के श्रमिकों की जानकारी लेकर उन्हें अपने काम पर रख सकते हैं. श्रम पोर्टल पर जहां श्रमिकों के स्किल के मुताबिक उनकी जानकारियां डाली गई हैं. वहीं, उनका आवास स्थान भी उस में दर्शाया गया है जिससे कि औद्योगिक इकाइयों के संचालकों को उनके आसपास ही श्रमिक मिल जाते हैं.

कहते हैं अधिकारी:

उत्पाद समावेश से औद्योगिक इकाइयों के पहिए जहां सालों भर चलते रहेंगे वहीं, श्रमिकों को भी नियमित रोजगार प्राप्त होगा. इसके लिए जो आवेदन प्राप्त हुए हैं, प्राधिकरण द्वारा अनुमति के बाद उन आवेदनकर्ताओं नए उद्योगों की स्थापना उसी परिसर में कई जा सकेगी.

नवीन कुमार,
प्रबंधक, बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकरण, बक्सर











Post a Comment

0 Comments