कोरोना कहर: बक्सर में चीन से ज्यादा हुए संक्रमण के एक्टिव मामले ..

लोगों ने बताया कि यह भी देखने को मिल रहा है कि मनमाने ढंग से बैरिकेडिंग की जा रही है. जो लोग संक्रमित नहीं भी हैं उनके घरों को भी बैरिकेडिंग कर दी जा रही है. इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन में जरूरत की सामग्री पहुंचाए जाने के प्रशासनिक दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं.

- मंगलवार की सुबह तक सामने आए कोरोना वायरस के 59 नए मामले
- चीन में केवल 391 है एक्टिव मामलों की संख्या बक्सर में दोपहर तक मामले आगे निकल जाने की उम्मीद

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण के 59 मामले जिले में दर्ज किए गए हैं. साथ ही 531 लोगों की रिपोर्ट अप्राप्त है. यह मामले न सिर्फ जिला मुख्यालय बल्कि जिले के कई प्रखंडों में भी मिले हैं, जिनमें चौसा, राजपुर, सिमरी, चौगाईं, केसठ, डुमराँव, ब्रह्मपुर, नावानगर शामिल हैं.बताया जा रहा है कि संक्रमण के मामलों में बच्चे, जवान तथा बुजुर्ग सभी शामिल है मिली जानकारी के मुताबिक मामले केवल पूर्व में संक्रमित लोगों के संपर्क नहीं बल्कि बाहरी लोगों के भी हैं हालांकि लगातार मिल रहे इन मामलों के अध्ययन के बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि अब सामूहिक रुप से कोरोना वायरस का प्रसार लोगों में हो रहा है जिनसे बचने के लिए शायद लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन ही एकमात्र उपाय है.
 बताया जा रहा है कि नए मामलों के सामने आने के बाद कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या दोपहर तक 387 हो गयी है लेकिन 531 लोगों की रिपोर्ट अप्राप्त है. निश्चित रिपोर्ट में से तीन चार लोग संक्रमित होंगे ही ऐसे में यह माना जा रहा है कि बक्सर में के कुल एक्टिव मामलों की संख्या से चीन से भी आगे निकल गई है. चीन में एक्टिव मामलों की संख्या 391 है. (ये आंकड़ा www.worldometers.info से लिया गया है.) वहीं अब तक मिले कुल मामले बढ़कर 835 हो गए हैं.

प्रशासन के रवैए पर लोगों में नाराजगी:

उधर, प्रशासन के रवैए को लेकर लोगों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि जिन लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण पाया जा रहा है उनके घरों को ना तो चिन्हित किया जा रहा है और ना ही बैरिकेडिंग आदि की जा रही है. ताकि लोगों का आना-जाना रुके. ऐसे में लोग आराम से घूम कर कोरोना वायरस के मामले बढ़ाते जा रहे हैं. कई मोहल्लों के लोगों ने बताया कि यह भी देखने को मिल रहा है कि मनमाने ढंग से बैरिकेडिंग की जा रही है. जो लोग संक्रमित नहीं भी हैं उनके घरों को भी बैरिकेडिंग कर दी जा रही है. इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन में जरूरत की सामग्री पहुंचाए जाने के प्रशासनिक दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं.

कोरोना मीटर:












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