बड़ी खबर: जिला नजारत शाखा के निलंबित लिपिक सेवा से बर्खास्त ..

उन्होंने तत्काल इसकी सूचना तत्कालीन नजारत उप समाहर्ता राजेश कुमार को दी. मामला डीएम के संज्ञान में दिया गया. लेखा पंजी की जांच होने लगी तो पता चलाकि यह गबन तो एक करोड से उपर का है. 
न्यायालय के आदेश के बाद जेल जाते लिपिक पंकज कुमार सिंह

- वर्ष 2016 में किया था एक करोड़ 15 लाख 74 हज़ार रुपये का गबन
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 10 साल की सजा के साथ 2 लाख 75 हज़ार का लगा था जुर्माना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिला नजारत शाखा के निलंबित लिपिक पंकज कुमार सिंह को जिला पदाधिकारी सह दण्डाधिकारी अमन समीर के द्वारा सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि निलंबित लिपिक पंकज कुमार के विरुद्ध गठित आरोप एवं संचालन पदाधिकारी से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के समीक्षोपरान्त आरोपित कर्मी के विरुद्ध प्रमाणित पाये गये आरोपों के लिए दिये गये मंतव्य से सहमत होते हुए आरोपित कर्मी पंकज कुमार सिंह को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2005 यथा संशोधित-2007 के नियम 14(xi) के तहत सेवा से बर्खास्त कर दिया है. 

यह भी बताया गया है कि बर्खास्तगी के बाद वह कभी भी किसी सरकारी नौकरी आदि को नहीं कर सकते हैं तथा उन्हें मिलने वाली पेंशन तथा ग्रेच्युटी आदि का लाभ भी नहीं दिया जाएगा.


क्या था मामला: 

दरअसल, वर्ष 2016 के मई माह में जिला योजना विभाग के खजाने से एक करोड़ पन्द्रह लाख पचहत्तर हजार रुपये की फर्जी निकासी कर ली गयी थी. यह घोटाला एक अकेले कर्मचारी ने डीएम का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कर लिया था. ऐसा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था. जिला नजारत में सहायक नाजिर की जगह कार्यरत पंकज कुमार सिंह ने इस कारनामे को अंजाम दिया था. उन्होंने सरकारी खजाने से यह राशि अपने नाम के बैंक खाते में उसने जमा करायी थी. 

इसका खुलासा तब हुआ जब बैंक में निकासी के लिए गए 18 लाख रुपये के चेक की सूचना जिला नाजिर को मिली. बैंक से फोन करने वाले अधिकारी ने प्रश्न पूछा क्या किसी पंकज के नाम से 18 लाख रुपये का चेक डीएम साहब ने भेजा है? यह बात सुनते ही तात्कालीन नाजिर कन्हैया प्रसाद चौक गए. उन्होंने उल्टा सवाल किया, किस योजना की राशि है? पता चला कि यह राशि मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना की है. उन्होंने चेक रोकने को कहा और सीधे बैंक पहुंचे. चेक देखते ही पता चल गया कि यह फर्जी हस्ताक्षर के द्वारा निकासी का मामला है. उन्होंने तत्काल इसकी सूचना तत्कालीन नजारत उप समाहर्ता राजेश कुमार को दी. मामला डीएम के संज्ञान में दिया गया. लेखा पंजी की जांच होने लगी तो पता चला कि यह गबन तो एक करोड से उपर का है. मामला बक्सर टॉप न्यूज़ ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

मामले का खुलासा होते ही तत्कालीन जिला पदाधिकारी रमण कुमार के निर्देश पर  पर एनडीसी ने नगर थाने में सहायक नाजिर पंकज कुमार सिंह के खिलाफ 1 करोड़, 15 लाख 75 हजार रुपये गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.











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