वीडियो: पूर्व विधायक तक पहुँचा कोरोना का खौफ, प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप ..

लॉकडाउन के बावजूद लगातार संक्रमित मरीजों के बढ़ती तादाद ने लोगों के दिलों में एक भय का माहौल व्याप्त कर दिया है. अब भला विधायक जी भी तो इंसान ही हैं, ऐसे में उन्हें कोरोना का डर सता रहा है तो इसमें अजूबा क्या है.

- कहा, जिले में पूरी तरह से चरमरा गई है स्वास्थ्य व्यवस्था
- दी चेतावनी, सुधार नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार में इन दिनों कोरोना का कहर खूब बरपा है. लगातार संक्रमितों की संख्या में हो रहे इजाफे ने सरकार और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. इस बीच कोरोना से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई हैं जो न केवल हैरान करने वाली है बल्कि चिंता का भी विषय है. दरअसल, बक्सर के पूर्व कांग्रेस विधायक श्रीकांत पाठक इन दिनों कोरोना के भय से खौफजदा हैं. विधायक जी को डर है कि, कहीं उन्हें कोरोना तो नही है. विधायक जी इस लिए भी परेशान हैं क्योंकि, अब तक उनकी कोरोना जांच नहीं हो पायी है.

कांग्रेस पार्टी से 1985 से लेकर 90 तक बक्सर विधानसभा सीट से विधायक रहे श्रीकांत पाठक ने इस बाबत स्थानीय प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. उनका आरोप है कि कोरोना से भयभीत होने के बीच उन्होंने अपने स्वास्थ्य जांच हेतु प्रशासनिक अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाई लेकिन अब तक उनकी कोरोना जांच नहीं कराई गई.

गौरतलब है कि इन दिनों बक्सर में कोरोना का कहर जारी है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 1 हफ्ते से कोरोना संक्रमितो की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लॉकडाउन के बावजूद लगातार संक्रमित मरीजों के बढ़ती तादाद ने लोगों के दिलों में एक भय का माहौल व्याप्त कर दिया है. अब भला विधायक जी भी तो इंसान ही हैं, ऐसे में उन्हें कोरोना का डर सता रहा है तो इसमें अजूबा क्या है.

कोरोना खौफ के बीच विधायक जी का जब दर्द छलका तो निशाने पर स्थानीय प्रशासन रहा जो अभी तक विधायक जी का कोरोना जांच नहीं करा सका है. विधायक जी ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और कोरोना का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सरकारी अधिकारियों की उदासीनता साफ तौर पर झलक रही है. उन्होंने कहा कि जब पूर्व विधायक का ये हाल है तो आम लोगो का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

विधायक जी की माने तो उनकी पिछले 14 जुलाई से तबीयत खराब चल रही है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें काफी भय सता रहा है, लेकिन प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और बेहतरी के निर्देश के लिए मुख्यमंत्री से अपील भी की. उन्होंने कहा कि केवल मैं ही भयभीत नहीं हूं बल्कि, प्रशासनिक अधिकारियों की लचर व्यवस्था के कारण हर कोई परेशान है, अगर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे.

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