वीडियो: 15 सालों से भुगतान के लिए भटक रहे सेवानिवृत्त शिक्षक, अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश को भी दिखाया ठेंगा ..

जिला पदाधिकारी अमन समीर की पहल पर 15 दिनों के अंदर भुगतान किए जाने का आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया गया लेकिन इस आश्वासन के 1 माह बाद भी भुगतान नहीं किए जाने पर शिक्षक ने रोष जताया है. 
 
- 15 वर्षों पूर्व सेवानिवृत्त हुए शिक्षक ने लंबित भुगतान के लिए किया था आमरण अनशन. 
अनशन तुड़वाने के एक माह बाद भी वादा पूरा नहीं कर रही प्रशासन.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां वृद्धजनों को तमाम तरह की सुविधाएं तथा सहायता प्रदान करने की बात करती है वहीं, दूसरी तरफ एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें सरकार के नुमाइंदों के लापरवाही से एक वृद्ध दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. दरअसल, एक सेवानिवृत्त शिक्षक को बकाया एरियर तथा अन्य भुगतान प्रदान किए जाने के न्यायालय के आदेश के बावजूद जब उन्हें भुगतान नहीं किया गया तब उन्होंने न्यायालय की शरण ली न्यायालय के आदेशानुसार भी जब उन्हें भुगतान नहीं किया गया तब उन्होंने मजबूरन आमरण अनशन किया. जिस पर वर्तमान जिला पदाधिकारी अमन समीर की पहल पर 15 दिनों के अंदर भुगतान किए जाने का आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया गया लेकिन इस आश्वासन के 1 माह बाद भी भुगतान नहीं किए जाने पर शिक्षक ने रोष जताया है. 

उन्होंने मीडिया के समक्ष अपनी व्यथा रखते हुए कहा कि दिनों उन्होंने तकरीबन 15 वर्षों से लंबित उनके बकाया एरियर तथा अन्य भुगतान को लेकर आमरण अनशन किया था. जिस पर जिला पदाधिकारी के निर्देश पर पर तत्कालीन शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा तथा अन्य लोगों ने जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया और कहा कि उन्हें जल्द ही उनका भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन, एक माह गुज़र जाने के बावजूद अधिकारी बार-बार उन्हें टरका रहे हैं. नए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्विवेश कुमार ने भी जल्द ही भुगतान कर दिए जाने की बात कही थी लेकिन, अब तक ऐसा नहीं हो सका है. वृद्ध सेवानिवृत्त शिक्षक ने कहा कि प्रशासन के द्वारा बार-बार दिए गए आश्वासनों के बावजूद अब तक भुगतान ना होने से उनकी उम्मीद जवाब दे रही है. ऐसा लगता है कि अब उनके मरणोपरांत ही उनके बकाया पैसे मिल पाएंगे.

शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो शिक्षक के खाते में पैसे भेजे जाने का कार्य किया जा रहा है हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई. वहीं, इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी के सरकारी नंबर 85444 11179 पर संपर्क किया गया लेकिन, फोन नहीं लगने के कारण उनका पक्ष नहीं ज्ञात हो सका.
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