बड़ी ख़बर: जदयू विधायक से जुड़ा ईडी का पत्र हुआ सार्वजनिक ..

उस वक्त विपक्ष में बैठे तथा वर्तमान में उप मुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी ने यह सवाल उठाया था कि 2014 के लोकसभा चुनाव तथा 2016 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किए एफिडेविट में इसकी चर्चा क्यों नहीं की गयी? उन्होंने सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि जदयू द्वारा उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? 

 

- जदयू विधायक लगातार कर रहे हैं बचाव की बयानबाजी, मीडिया को भी किया भ्रमित
- विधायक पर पूर्व में भी लगे हैं कई आरोप, सुशील मोदी ने उठाया था सवाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमराँव विधायक ददन पहलवान की संपत्ति पर ईडी का पहरा शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद एक तरफ जहां सियासी गलियारों में सनसनी फैल गई थी वहीं, दूसरी तरफ जदयू विधायक लगातार अपनी सफाई पेश कर रहे हैं. आनन-फानन में उन्होंने प्रेस वार्ता बुलाकर खबर को गलत बताया था वहीं, दूसरी तरफ इस खबर को लेकर कई मीडिया समूह के द्वारा इस तरह की खबरें प्रकाशित की गई मानो जागरण में प्रकाशित खबर ही गलत हो लेकिन जागरण पर में प्रकाशित खबर की सत्यता पर उस वक्त मुहर लग गई जब ईडी का पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया. पत्र में वायरल होने के साथ ही तमाम तरह के सवाल हो तो था उनसे जुड़ी भ्रांतियों पर विराम लग गया.

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय पटना के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की खरीद बिक्री तथा हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. जिस पर अनुपालन करने हेतु जिला अवर निबंधक को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा भेजे गए इस पत्र में विधायक ददन सिंह उनके भाई मदन सिंह तथा ललन सिंह चचेरे भाई उमेश सिंह तथा रमेश सिंह ददन की पत्नी उषा देवी तथा पुत्र करतार सिंह के नाम पर दर्ज संपत्तियों का पूरा विवरण दिया गया है. जिसमें संपत्ति के मालिकाना हक के साथ-साथ उसके क्षेत्रफल तथा खाता एवं प्लॉट संख्या की भी जानकारी दी गई है. पत्र में बताया गया है कि विधायक तथा उनके रिश्तेदारों के नाम से जो संपत्तियां अर्जित हैं वह डुमराँव के सम्हार, खलवा इनार तथा नाजिरगंज समेत डुमराँव में अन्य स्थानों पर हैं. बताया जा रहा है कि नाजिरगंज वाली जमीन पर ही विधायक ने कोल्ड स्टोरेज एवं अपने आवास का निर्माण कराया है. ऐसे में उन डुमराँव अंचलाधिकारी को भी सभी संपत्तियों को चिन्हित करते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया गया है.

तब शुशील मोदी ने भी की थी पहलवान की फ़जीहत:

दरअसल, ददन सिंह यादव लगातार अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते रहे हैं. हालांकि, उनके गुनाहों की फेहरिस्त लंबी है. उन पर डुमराँव समेत देश के कई थानों में कई थानों में आर्म्स एक्ट समेत कई मामले लंबित हैं. वर्ष 2016 में जदयू विधायक की पत्नी उषा देवी पर दिल्ली की एक नॉन बैंकिंग कंपनी करीना फिनकैप लिमिटेड के 31.5 रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप लगा था, जिस पर पंजाब की तरनतारन न्यायालय द्वारा उन्हें फ़रार घोषित किया गया था. उन्होंने इस मामले में अपनी सफाई पेश करते हुए कहा था कि यह पैसे चुनाव लड़ने के लिए लिए गए थे. जिस पर उस वक्त विपक्ष में बैठे तथा वर्तमान में उप मुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी ने यह सवाल उठाया था कि 2014 के लोकसभा चुनाव तथा 2016 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किए एफिडेविट में इसकी चर्चा क्यों नहीं की गयी? उन्होंने सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि जदयू द्वारा उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? हालांकि, अभी वह भी गठबंधन में हैं.













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