चौकीदार ने ढूंढा बचाव का रास्ता, अनुसूचित बस्ती के निवासियों समेत आठ के विरुद्ध प्राथमिकी ..

बताया जा रहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने से बस्ती के रहने वाले लोगों में भय व्याप्त हो गया है. पुलिसिया कहर से बचने के लिए लोग अब पलायन कर रहे हैं. कई लोग जा चुके हैं तथा कई जाने की तैयारी में हैं. 
अस्पताल में इलाज करा रहा चौकीदार
 
- दहशत के कारण अनुसूचित बस्ती के लोगों ने किया पलायन
- डीएसपी ने कहा केस उठाने की बात कर रहे हैं लोग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: थाना क्षेत्र के सोनवर्षा ओपी थाना के रामनगर अनुसूचित बस्ती में चौकीदार द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट मामले में बस्ती के लोगों के द्वारा जहां चौकीदार के नारायण सिंह समेत तीन लोगों को अभियुक्त बनाया गया वहीं इस मामले में पुलिस के द्वारा चौकीदार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. हालांकि, दो अभियुक्त अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

उधर, इस मामले में आरोपित चौकीदार को बचाने की जुगत भी तेज हो गई है. सूत्रों की माने तो पुलिस के अधिकारी ही मामले की लीपापोती के प्रयास में जुट गए हैं. हवा में तैर रही यह बातें तब सत्य प्रतीत होने लगी जब चौकीदार तेजनारायण द्वारा अनुसूचित बस्ती के लोगों समेत आठ लोगों को अवैध शराब बेचने तथा उन पर जानलेवा हमला किए जाने का आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई. अपने आवेदन में उन्होंने बताया है कि बस्ती में शराब बनाकर बेची जा रही थी, जिसकी सूचना पर वह बस्ती में पहुंचे थे. वहां जाने पर कुछ लोगों के बहकावे में आकर उन पर हमला कर दिया गया. जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए. चौकीदार तेज नारायण सिंह के द्वारा माझिल मुसहर, बिहारी मुसहर, रघु मुसहर, कमलेश यादव, रंग बहादुर चौधरी, छोटन मुसहर, तथा वीरेंद्र मुसहर एवं मूसा मुसहर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
चौकीदार से छीना हुआ देसी कट्टा लेकर शिकायत करने पहुंचे थे अनुसूचित बस्ती के लोग

अनुसूचित बस्ती निवासी कर रहे पलायन:

बताया जा रहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने से बस्ती के रहने वाले लोगों में भय व्याप्त हो गया है. पुलिसिया कहर से बचने के लिए लोग अब पलायन कर रहे हैं. कई लोग जा चुके हैं तथा कई जाने की तैयारी में हैं. नाम छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि चौकीदार द्वारा पूर्व में भी इस तरह के कृत्य किए जा चुके हैं. लेकिन, अबकी बार वह कुछ ज्यादा ही बहक गया था. वह शराब के नशे में धुत होकर मुर्गा लेने के लिए पहुंचा और महिलाओं की इज्जत पर हाथ डाल दिया, जिससे कि विवाद बढ़ गया.

पलायन नहीं, अपने मन से जा रहे हैं लोग, मामला वापस लेने की कह रहे बात: एसडीपीओ

मामले में जानकारी लेने के लिए डुमराँव एसडीपीओ कृष्ण कुमार सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें भी ज्ञात हुआ था कि कुछ लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं. थानाध्यक्ष को भेज कर पता लगाया तो ज्ञात हुआ कि लोग एकरासी तथा अन्य गांवों में गए हैं. हालांकि, लोग अपने मर्जी से आ जा रहे हैं. पलायन जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि अनूसूचित बस्ती जिन लोगों ने चौकीदार पर आरोप लगाए हैं वही लोग अब स्वयं उनसे मामले को उठाने की पैरवी कर रहे हैं. जांच के लिए मौके पर पहुंचने पर वहां पहुंचने पर वे लोग उनकी गाड़ी रोक कर उनसे केस उठाने की बात कह रहे थे. 

बहरहाल, अब जब लोग ही केस उठाने की बात कह रहे हैं तो स्थिति की गंभीरता स्वयं ही समझी जा सकती है.













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