जदयू के पहलवान पर ईडी का पहरा, सभी संपत्तियों की खरीद बिक्री पर रोक ..

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय पटना के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की खरीद बिक्री तथा हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा इस आशय का पत्र जिला पदाधिकारी अमन समीर को पिछले महीने की 7 तारीख को भेजा गया

 

- मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है ददन तथा उनके पारिवारिक सदस्य.
- पूर्व में भी कई बैंकों के डिफाल्टर रह चुके हैं पुत्र तथा पत्नी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के सदस्य तथा डुमराँव से विधायक ददन पहलवान पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कस गया है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय पटना के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की खरीद बिक्री तथा हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा इस आशय का पत्र जिला पदाधिकारी अमन समीर को पिछले महीने की 7 तारीख को भेजा गया जिसके बाद जिला पदाधिकारी के निर्देश पर डुमराँव अंचलाधिकारी एवं अवर निबंधक को पत्र लिखकर सभी संपत्तियों की खरीद बिक्री अथवा स्वामित्व स्थानांतरण पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है. सभी संपत्तियां जिस स्थिति में है उसे स्थिति में बरकरार रखने का पोस्ट निर्देश दिया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा भेजे गए इस पत्र में विधायक ददन सिंह उनके भाई मदन सिंह तथा ललन सिंह चचेरे भाई उमेश सिंह तथा रमेश सिंह ददन की पत्नी उषा देवी तथा पुत्र करतार सिंह के नाम पर दर्ज संपत्तियों का पूरा विवरण दिया गया है. जिसमें संपत्ति के मालिकाना हक के साथ-साथ उसके क्षेत्रफल तथा खाता एवं प्लॉट संख्या की भी जानकारी दी गई है. पत्र में बताया गया है कि विधायक तथा उनके रिश्तेदारों के नाम से जो संपत्तियां अर्जित हैं वह डुमराँव के सम्हार, खलवा इनार तथा नाजिरगंज समेत डुमराँव में अन्य स्थानों पर हैं. बताया जा रहा है कि नाजिरगंज वाली जमीन पर ही विधायक ने कोल्ड स्टोरेज एवं अपने आवास का निर्माण कराया है. ऐसे में उन सभी संपत्तियों को चिन्हित करते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया गया है.

पहले भी फंसी थी पहलवान की गर्दन:

अपनी पहलवानी के लिए मशहूर रहे डुमराँव के विधायक ददन सिंह को इसके पूर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिफाल्टर घोषित कर दिया था. डिफाल्टर घोषित होने के बाद बैंक ने ददन पहलवान के एक राइस मिल और पटना के सगुना मोड़ स्थित डेढ़ कट्ठा जमीन को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया था तथा इसका इश्तेहार अखबारों में प्रकाशित कर दिया. बैंक के मुताबिक विधायक के पुत्र करतार सिंह ने सत्यवीर एग्रो के नाम पर बैंक से लोन लिया था. जिसकी राशि बढ़कर एक करोड़ 52 लाख 14 हजार पहुंच गई थी। लोन डिफाल्टर के रूप में बैंक नोटिस के बाद बैंक में 1 बीघे की जमीन और फैक्ट्री को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया. दरअसल, करतार के लोन में गारंटर ददन सिंह ही थे. उनके नाम से पटना से सटे सगुना मोड़ की डेढ़ कट्ठे की जमीन को भी बैंक ने अपने कब्जे में ले लिया. वैसे यह कोई पहला मामला नहीं था बल्कि, ददन सिंह के पारिवारिक सदस्यों पर विभिन्न बैंकों के लोन चुकता न किए जाने के कई अन्य मामले भी सामने आ चुके हैं.

इस संदर्भ में पूछे जाने पर बक्सर के वरीय उप समाहर्ता चंद्रशेखर झा ने बताया की प्रवर्तन निदेशालय का पत्र प्राप्त हुआ था जिसे डुमराँव अंचलाधिकारी तथा अन्य संबंधित पदाधिकारियों को भेज दिया गया है. वहीं, विधायक ददन सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय का मामला बहुत पुराना है. इस संदर्भ में कोई नया पत्र निर्गत होने की जानकारी उन्हें नहीं है ना ही उन्हें इस तरह की कोई सूचना प्राप्त हुई है.













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