स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने के बाद भी कचरा फैलाने का काम जारी, अब तीसरी आँख से निगहबानी की तैयारी ..

पूर्व में डंपिंग जोन नहीं होने का हवाला दिया जा रहा था वहीं अब यह भी कहा जा रहा है कि कुछ लोगों द्वारा अपनी जमीन में बने गड्ढों को भरने के लिए लिखित रूप से सहमति देने के बाद विभिन्न मोहल्लों में कचरा डंप किया जा रहा है. उधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अवहेलना करते हुए नगर परिषद द्वारा नहर तथा पइन आदि में भी तेजी से कचरे को डंप किया जा रहा है.

 

- उप मुख्य पार्षद ने कहा सभी को निभानी होगी अपनी जिम्मेदारी
- तय समयावधि के बाद सड़क पर कचरा फेंकने वालों पर नगर रखने की बनी योजना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वच्छता सर्वेक्षण सबसे गंदे शहरों में अव्वल स्थान प्राप्त करने के बाद भी नगर परिषद के द्वारा शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए कोई विशेष पहल नहीं की जा रही है. पहले की तरह ही यत्र तत्र कचरा बिखेरने का अभियान जारी है. इसके साथ साथ नगर में ना तो आवारा तथा बेसहारा पशुओं के विचरण करने और ना ही गंदगी फैलाने पर रोक है. वहीं, बजबजाती नालियों की नियमित सफाई भी केवल कागजों में होती है. फागिंग मशीन से मच्छर रोधी दवा का छिड़काव तो कई वर्षों से नगर के लोगों ने देखा ही नहीं.

नगर परिषद द्वारा जहां पूर्व में डंपिंग जोन नहीं होने का हवाला दिया जा रहा था वहीं अब यह भी कहा जा रहा है कि कुछ लोगों द्वारा अपनी जमीन में बने गड्ढों को भरने के लिए लिखित रूप से सहमति देने के बाद विभिन्न मोहल्लों में कचरा डंप किया जा रहा है. उधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अवहेलना करते हुए नगर परिषद द्वारा नहर तथा पइन आदि में भी तेजी से कचरे को डंप किया जा रहा है.

तीन-चार दिन पूर्व नगर ज्योति प्रकाश चौक के समीप ट्रैक्टर द्वारा नहर में कचरा डंप किए जाने की शिकायत नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद इंद्र प्रताप सिंह से स्थानीय निवासियों ने की थी. जिस पर उन्होंने स्पष्ट किया था कि संबंधित एनजीओ को ऐसा करने से मना कर दिया गया है. बावजूद इसके शुक्रवार को दिन में तकरीबन 1:00 बजे उसी स्थान पर पुनः कचरा डंप किए जाने का नज़ारा दिखा. इस विषय पर पूछे जाने पर उप मुख्य पार्षद ने कहा कि मना किए जाने के बावजूद अगर किसी एनजीओ के द्वारा इस तरह का कार्य किया जा रहा है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.


सबको करना होगा शहर को साफ बनाने में सहयोग

उप मुख्य पार्षद ने बताया कि स्वच्छता की रैंकिंग में नगर के पिछड़ने के पीछे केवल नगर परिषद ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर आम लोग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा एक तरफ जहां नगर परिषद को अभी तक डंपिंग जोन के लिए जगह नहीं उपलब्ध कराई गई वहीं, दूसरी तरफ नगर के लोग कचरा उठाव हो जाने के बाद सड़क पर कचरा फेंक देते हैं जिसके कारण दिन भर सड़क पर कचरा फैला रहता है. यही नहीं बेसहारा गाय तथा अन्य आवारा पशु उस कचरे को इधर से उधर करते नजर आते हैं. कई बार कहे जाने पर भी इन पशुओं के संदर्भ में जिला प्रशासन अथवा अनुमंडल प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई. ऐसे में स्वच्छता को लेकर शहर की रैंकिंग सुधारने के लिए सब को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा.

तय समयावधि के बाद कचरा फेंकने वालों पर नजर रखेगी तीसरी आंख:

उप मुख्य पार्षद ने बताया कि नगर के लोग निर्धारित समय अवधि के बाद कचरा फेंकते हैं जिससे कि कचरे का उठाव संभव नहीं हो पाता और दिनभर कचरा सड़क पर पड़ा रहता है. ऐसे लोगों को चिन्हित करने के साथ-साथ उन पर जुर्माना लगाने तथा कानूनी कार्रवाई करने का विचार नगर परिषद कर रही है, जिसके लिए नगर के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे तथा कचरा उठा हो जाने के बाद पुनः सड़क पर कचरा फेंकने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध जुर्माना लगाने के साथ ही प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.















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