फल, सब्जी, अंडा बेचे जाने के समय में बदलाव से दुकानदारों व उत्पादकों में रोष ..

यदि कोई सब्जी विक्रेता सुबह ताजी सब्जियां लेने के लिए खेतों पर अथवा बड़े उत्पादकों के यहां पहुंचता है तो वहां से उसे अपनी दुकान तक जाने में 2 से 3 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में उसके पास केवल एक या दो घंटे का समय बचता है, जिसमें वह सब्जी की बिक्री कैसे कर सकेंगे? इस व्यवस्था से भीड़ कम होने की बजाय भीड़ बढ़ने की आशंका है क्योंकि, कम समय में खरीदारी करने की मजबूरी में एक साथ कई लोग एक दुकान पर जाएंगे और भीड़ बढ़ेगी. 

 

डुमराँव में रोष व्यक्त करते सब्जी विक्रेता

- कहा, प्रशासन का है तुगलकी फरमान, करना होगा पुनर्विचार
- सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, स्वयं ठेला लेकर निकलेंगे सब्जी बेचने

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिला प्रशासन द्वारा सब्जी फल अंडा तथा मांस विक्रेताओं की दुकानों को सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे खोले जाने के आदेश के बाद सब्जी के थोक तथा खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ कई समाजसेवी संगठनों ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए इसका विरोध किया है. सब्जी के बड़े उत्पादकों में शामिल डुमराँव के किसान प्रकाश राय बताते हैं कि, पूरे बिहार भर में गृह सचिव के स्तर से सब्जी दुकानों को खोले जाने का जो आदेश जारी किया गया है उससे सब्जी के साथ विक्रेताओं के साथ खेती करने वाले लोगों को काफी नुकसान होगा. साथ में ही इस आदेश का नाजायज फायदा उठा कर प्रशासन के कारिंदे भी सब्जी विक्रेताओं पर जुल्म ढाएँगे. उनका कहना है कि, अन्य राज्यों में सब्जी की दुकानों को खोले जाने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है क्योंकि, यदि कोई सब्जी विक्रेता सुबह ताजी सब्जियां लेने के लिए खेतों पर अथवा बड़े उत्पादकों के यहां पहुंचता है तो वहां से उसे अपनी दुकान तक जाने में 2 से 3 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में उसके पास केवल एक या दो घंटे का समय बचता है, जिसमें वह सब्जी की बिक्री कैसे कर सकेंगे? इस व्यवस्था से भीड़ कम होने की बजाय भीड़ बढ़ने की आशंका है क्योंकि, कम समय में खरीदारी करने की मजबूरी में एक साथ कई लोग एक दुकान पर जाएंगे और भीड़ बढ़ेगी. उन्होंने इस आदेश में संशोधन की अपील सरकार तथा प्रशासन से की है. कुछ इसी तरह की बातें डुमराव के दुकानदारों ने स्वयं शक्ति संस्था से कही जिस पर संगठन प्रमुख धीरज मिश्रा ने शासन से दुकानदारों की बातों को समझने की जरूरत बताई है.

उधर, सामाजिक कार्यकर्ता रामनारायण का कहना है कि प्रशासन इस आदेश की आड़ में छोटे सब्जी विक्रेताओं तथा ठेला चालकों पर भी जुल्म कर रहा है. ऐसे में यह प्रतीत होता है कि देश अभी भी गुलाम है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि, यदि इस तुगलकी आदेश को वापस नहीं लिया गया तो वह स्वयं ठेला लेकर सब्जी बेचने निकलेंगे तथा इसी प्रकार से आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे.

केवल स्थायी दुकानों को लगाए जाने पर है रोक, ठेला से सब्जी, फल, अंडा बेचने वालों को छूट एसडीएम:

सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने इस संदर्भ में बात करते हुए बताया कि, आदेश को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है. इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सब्जी की केवल स्थायी दुकानों को बंद किया जाएगा. इसके अतिरिक्त दिनभर ठेला से फल सब्जी अंडा आदि की बिक्री की जा सकेगी. इस बात को पूर्व में शांति समिति की बैठक में भी सभी सदस्यों के समक्ष स्पष्ट किया गया था. उन्होंने कहा कि संध्या काल में सब्जी की दुकानें खुली रहने पर लोग बेमतलब भी दुकानों के समीप मंडराते रहते हैं. ऐसे में भीड़भाड़ होने से संक्रमण के बढ़ने की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में अत्याधिक भीड़ हुई उन्हीं इलाकों में संक्रमण के ज्यादा मामले मिले हैं. ऐसे में संध्या काल में सब्जी के विक्रय पर रोक है.















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