विधानसभा चुनाव की राजनीति में शुरु हुआ शह और मात का खेल .. एक्सक्लुसिव रिपोर्ट

बक्सर सदर सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस नेता संजय कुमार तिवारी को पुनः इस बार प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान लगभग हो चुका है जबकि, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पिछले चुनाव मैं प्रत्याशी रहे प्रदीप दूबे के अलावे दो दर्जन से अधिक महिला और पुरुष भाजपा नेता अपनी किस्मत के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए टिकट मिलने का दावा घूम-घूम कर कर रहे हैं. 


राजनीतिक संपादक डॉ. शशांक शेखर की कलम से

- सभी विधानसभा सीटों का आंखों देखा हाल, वरिष्ठ पत्रकार की कलम से
- जोड़-तोड़ के गणित के साथ टिकट पाने की होड़ में लगे हैं सभी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: लॉक डाउन के बावजूद जिले में विधानसभा चुनाव की राजनीति  की बिसात बिछ  गई है.  एनडीए  और महागठबंधन जहाँ आर-पार  के मूड में अपनी-अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने मे जुटे हैं. मतदाता चुनावी मैदान में उतरने वाले भाजपा गठबंधन के चेहरे का इंतजार कर रहे हैं. जिले के 4 विधानसभा क्षेत्रों में बक्सर सदर सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस नेता संजय कुमार तिवारी को पुनः इस बार प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान लगभग हो चुका है जबकि, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पिछले चुनाव मैं प्रत्याशी रहे प्रदीप दूबे के अलावे दो दर्जन से अधिक महिला और पुरुष भाजपा नेता अपनी किस्मत के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए टिकट मिलने का दावा घूम-घूम कर कर रहे हैं. 

उधर, ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र में राजद विधायक शंभू नाथ यादव को टक्कर देने के लिए भाजपा के एक दर्जन उम्मीदवार दिल्ली से पटना तक की दौड़ लगाकर सुख-दुख के भागीदार होने का दावा करते हुए पार्टी से अपने टिकट की माँग कर रहे हैं. वैसे पिछले चुनाव में बे-टिकट की गई भाजपा की विधायिका और पार्टी के संस्थापक कैलाशपति मिश्र की पुत्रवधु व महिला आयोग की अध्यक्षा दिलमणि देवी भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं. डुमराँव विधानसभा पर गौर करें तो एनडीए प्रत्याशी जदयू विधायक ददन पहलवान को पार्टी का प्रत्याशी इस बार भी बनाए जाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. समर्थकों कहना है कि नीतीश कुमार इस बार भी पहलवान को चुनावी मैदान में उतारेंगे. वैसे वह भी अपनी सीट पक्की करने के लिए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को खुश करने के लिए उनके गांव फूफा कोपवां के मुख्य द्वार पर अपने निजी यदुवंशी सेना के फंड से दादा के पिताजी के नाम पर द्वार का निर्माण करा रहे हैं. दूसरी तरफ महागठबंधन में भी प्रत्याशियों की लंबी भीड़ देखी जा रही है. पूर्व प्रत्याशी रहे पप्पू यादव और नावानगर के पूर्व प्रमुख सत्येंद्र यादव के बीच टिकट पाने की होड़ मची हुई है. हालांकि, डुमरांव के पूर्व विधायक रहे दाऊद अली भी टिकट के लिए राजद में शामिल हो गए हैं. 

राजपुर विधानसभा क्षेत्र सूबे के परिवहन मंत्री संतोष निराला तीसरी बार ताल ठोकेंगे. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम का सहारा लेकर वैतरणी पार करने की तैयारी में जुट गए हैं. इस इलाके में महागठबंधन दमदार नेता की तलाश हो रही है जो निराला के कद को बौना साबित कर सके. राजपुर इलाके में दलित पिछड़े वोटरों के सहारे के अलावे उच्च वर्ग के लोगों का जिन्हें समर्थन मिलेगा वहीं इस बार विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ पाएगा.

2020 का बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है लेकिन चुनावी चौसर के बीच प्रत्याशियों की बेचैनी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है. घात-प्रतिघात का भी दौर चलाने में प्रत्याशी एक दूसरे के पीछे पड़ेंगे. विधानसभा चुनाव के चौसर पर किस-किस के चेहरे पर ताज बंधने की उम्मीद होगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन, शह व मात के खेल में बाजी कौन मारेगा हम आगे की अपनी पर चर्चा में आपको जरूर बताएंगे. राजनीति के पंडितों के बीच पहुंचेगी टॉप न्यूज़ की टीम और हम बताएंगे राजनीति के जोड़ तोड़ के के आंकड़े क्रमश: देखते रहिए हमारी रपट ..














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