पीएम आवास योजना की आस में था वृद्ध, गिरा खंडहर नुमा मकान, दर्दनाक मौत ..

बताया कि उनको राशन कार्ड भी नहीं मिला था क्योंकि, बुढ़ापे में अंगुलियों के निशान नहीं मिलने से उनका आधार कार्ड नहीं बन सका था. आधार कार्ड नहीं बनने के कारण राशन कार्ड भी नहीं बना. ऐसे में उन्हें प्रधानमंत्री अन्न योजना समेत किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता था. किसी तरह इधर-उधर से अनाज की व्यवस्था उन्हें कराई जाती थी जिससे कि उनका पेट चलता था. 

- "सिस्टम की जटिलता" ने ले ली वृद्ध की जान
- डुमराँव नगर के वार्ड संख्या 22 का है मामला

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: देश के आश्रय विहीन लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है. वही, लोग भूखे ना मरे इसके लिए प्रधानमंत्री अन्न योजना भी चलाई जा रही है. लेकिन धरातल पर इन योजनाओं का लाभ कितने लोगों को मिलता है इसकी मॉनिटरिंग कभी भी सही ढंग से नहीं हो पाती. कई बार तो ऐसा होता है कि लोग योजनाओं का लाभ पाने की उम्मीद ही छोड़ देते हैं और कई बार ऐसा होता है कि लोग योजनाओं की आस में दम तोड़ देते हैं.

ऐसा ही एक वाकया डुमराँव नगर के वार्ड नंबर 22 में हुआ है, जहां खंडहर नुमा मकान में रह रहे एक व्यक्ति की जान गुरुवार को हुए दर्दनाक हादसे में चली गई. बताया जा रहा है कि देवराज सिंह नामक 80 वर्षीय बुजुर्ग वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ लेकर अपना घर बनवाना चाह रहे थे. इन्होंने बाजार नगर परिषद में इसके लिए आवेदन भी दिया था लेकिन, सरकारी बाबूओं की संवेदनहीनता और सिस्टम की जटिलता ने उनको मजबूत छत नसीब नहीं होने दी और नतीजा यह हुआ कि वह खंडहर नुमा मकान के धराशाई होने के कारण उसकी चपेट में आकर दर्दनाक मौत का शिकार हो गए. 

बताया जा रहा है कि गुरुवार की अहले सुबह हुई इस दुर्घटना के बाद तेज आवाज सुनकर लोगों की नींद खुली और सभी दौड़े-दौड़े देवराज सिंह के घर की तरफ गए वहां का नजारा देखने के बाद हर कोई दंग रह गया. मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका था और उसके नीचे दबे हुए देवराज सिंह की चीखें बाहर निकल रही थी. जल्दी-जल्दी में मलबे को हटाकर देवराज सिंह को बाहर निकाला गया लेकिन, अस्पताल ले जाने के पूर्व ही उनकी मृत्यु हो गई.

इस दुखद घटना के बाद एक तरफ जहां सिस्टम पर कई सवालिया निशान खड़े हो गए वहीं दूसरी तरफ लोगों को उनके दाह-संस्कार की चिंता हुई. हालांकि आसपास में रह रहे पाटीदार कथा पड़ोसियों की मदद से चंदा इकट्ठा कर उनका दाह संस्कार किया गया. बताया जा रहा है कि देवराज सिंह की पत्नी का निधन कुछ वर्षों पूर्व हो गया था. संतान हीन देवराज इस खंडहर नुमा मकान में अकेले ही रहते थे. वृद्ध देवराज सिंह के पास ना कोई रोजगार था और ना ही किसी का सहारा. किसी तरह लोगों की दया से मिले अनाज आदि से उन का भरण पोषण होता था.

वार्ड पार्षद के पहल के बाद भी नहीं बना राशन कार्ड, ना ही मिला आवास योजना का लाभ:

स्थानीय वार्ड पार्षद संतोष मिश्रा ने बताया कि उनको राशन कार्ड भी नहीं मिला था क्योंकि, बुढ़ापे में अंगुलियों के निशान नहीं मिलने से उनका आधार कार्ड नहीं बन सका था. आधार कार्ड नहीं बनने के कारण राशन कार्ड भी नहीं बना. ऐसे में उन्हें प्रधानमंत्री अन्न योजना समेत किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता था. किसी तरह इधर-उधर से अनाज की व्यवस्था उन्हें कराई जाती थी जिससे कि उनका पेट चलता था. उधर, उनके खंडहर नुमा मकान को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनवाने के लिए 2019 में उन्होंने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन दिया था लेकिन, आज तक उस पर कोई पहल नहीं हो सकी. पूछने पर अधिकारी बस आज और कल की बात किया करते थे. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास से घर बनने का सपना देखते-देखते वृद्ध देवराज की दर्दनाक मौत हो गई.













Post a Comment

0 Comments