पब्लिक है, सब जानती है .. हफ्ते भर की खबरों पर पाठकों ने रखी है अपनी बेबाक राय ..

सोशल मीडिया में जिले के ख़बरों पर लोगों की राय, उनकी बेबाकी एवं उनका बांकपन देखने लायक हैं, गुस्सा में भी ईमानदारी एवं साफगोई, लोकजीवन की मंगल कामना की उनकी सदिच्छा ध्यान खींच लेती हैं. पाठकों एवं लोगों की जागरूकता देखकर बक्सर टॉप न्यूज़ ने एक साप्ताहिकी पाठकनामा  कॉलम हर रविवार  शुरू करने का निर्णय लिया है. ताकि, लोगों की बेबाकी को भी अब जगह दी जाए क्योंकि, उनकी खबर के लिए ही बक्सर टॉप न्यूज़ प्रतिबद्ध है.
 
- फेसबुक पेज पर बेबाकी से अपनी राय रख रही है जनता
- सोशल मीडिया के चलन ने जनता को दी है सीधा संवाद करने की आजादी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जब जिले में अखबारी दुनिया का फैलाव सिकुड़ने लगा तो सोशल मीडिया पर लोगों की राय उनकी जिंदादिली, बेबाकी और समस्याओं के प्रति उनकी कुशाग्रता की ही कहानी हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने लोगों को कुछ खुलकर लिखने की आज़ादी दे दी तो उनके राय की अब अहमियत भी बढ़ी हैं. सोशल मीडिया की पैठ और उसकी लोहा मानते हुए जिला पदाधिकारी बक्सर अमन समीर ने पहली बार ज़िला प्रशासन के फेसबुक पेज को पूरी तरह से एक्टिवेट किया है. जिस पर लोग रोज अपनी बात खुलकर रख रहे हैं, समस्याएं भी बता रहे हैं, बस प्रशासन की चुस्ती का इंतजार है. ज़िला प्रशासन रोज उसपर कोरोना का अपडेट, खबर, प्रेस रिलीज, तस्वीर, आदेश, विज्ञापन और निर्देश जारी कर रहा है, उसपर जिलेवासी सजग होकर अपनी बेबाकी का परिचय दे रहे हैं. 

ज़िला प्रशासन ने ज्यों ही कोरोना के कंटेन्मेंट ज़ोन की सैनिटाइज करने की तस्वीर उपलोड इस हफ्ते किया, त्यों ही लोग अपनी बात लिखने के लिए टूट पड़े. रंजन कुमार सिंह लिखते हैं कि, "केवल पहले की तस्वीर डाल देने से सैनिटाइज हो जाय तो उसकी बात ही कुछ और है." तपाक से जिला प्रशासन का जबाब आ गया कि, "कृपया फोटो पर geotagging/ टाइम भी देख लें." गोलू गोसाई ने शहर के तुरहटोली को सैनिटाइज करने की मांग की है तो उमाशंकर पांडेय ने शहर के कोरोना संक्रमित मुहल्लों के नाम प्रकाशित करने की मांग की ताकि, लोग उन मोहल्लों में जाने से बचें. दिलचस्प है कि बीजेपी और जद यू के नेता और कार्यकर्त्ता भी पोस्ट कर रहे हैं. प्रेमचंद श्रीवास्तव अधिवक्ता लिखते हैं कि, "नगर परिषद बक्सर और सफ़ाई .. काहे मजाक करते हैं, केवल लूट .." 

ज़िला प्रशासन ने कोविड 19 के लिये हेल्पलाइन नंबर जारी किया तो कई लोगों ने कमेंट लिखें हैं कि, कोई उन नम्बरों पर फोन ही नहीँ उठाता है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री और सांसद अश्विनी कुमार चौबे की गुमशुदगी की पोस्टर वाली खबर सोशल मीडिया पर आते ही लोग धड़ाधड़ अपनी राय देने लगे. गोया कि सांसद के प्रति गुस्सा निकालने के लिए लोग इंतजार ही कर रहे थे. विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर 90 फीसदी लोगों ने सांसद की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये हैं एवं कोरोना की अपने तंगहाली पर सांसद की बेरुखी पर खरी-खोटी सुनाई है. सुधीर कुमार रजक लिखते है कि, "बक्सर जिले के जब अपने प्रत्याशी पर विश्वास नहीं था कि ऐसा ही होगा" एक फेसबुक यूजर मनोज कुमार गुप्ता पूछते हैं कि, "सांसद की खबर तो ठीक है, विधायक कहाँ है?" 

सांसद के समर्थन में उतरे बीजेपी नेता प्रदीप दूबे का बयान अपलोड होते ही लोग उबल पड़े. बक्सर टॉप न्यूज़ के पेज पर 28 लोगों की प्रतिक्रिया में सभी का गुस्सा सांसद के प्रति हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत उपाध्यय ने विधायक को फरार बताये जाने पर प्रदीप दूबे को खरी-खोटी लिखें है कि, "फरार और जमानत की बात जांचकर एवं जानकर बोलना चाहिये, विधायकजी को न्यायालय से रिलीफ मिल चुकी है एवं वह फरार नहीं हैं." एक यूजर नीरज कुमार भोजपुरी गाली देते हुए लिखते हैं कि, "सरकार आपकी है, क्यों नहीं कारवाई कर रहे है?" नियमों की अवहेलना करने वालो से आठ लाख रुपये वसूलने की बक्सर के आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा की खबर अपलोड करते ही रवि राय रौनियार लिखते हैं कि, "नीतीश सरकार का जनता का पॉकेट खाली करने का काम है ,सेवा नहीं कर सकती बिहार सरकार." सदर अस्पताल बक्सर की बदहाली की खबर पर सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रशासन एवं सांसद की क्लास लगाई है. इंद्रजीत सिंह लिखते हैं कि, "छोटा सा इलाज करने में भी अस्पताल अक्षम है, बस रेफर करने हेतु अस्पताल है."  राम ईश्वर प्रसाद लिखते है कि, "असुविधाओं की पोल खोलते रहिए पता नहीं गरीब इस देश में टिक पाएगा कि नही?" विनोद दूबे ने नेताओं से अस्पताल में रहकर पीड़ित लोगों का इलाज़ कराने का आह्वान किया है. 

सोशल मीडिया में जिले के ख़बरों पर लोगों की राय, उनकी बेबाकी एवं उनका बांकपन देखने लायक हैं, गुस्सा में भी ईमानदारी एवं साफगोई, लोकजीवन की मंगल कामना की उनकी सदिच्छा ध्यान खींच लेती हैं. पाठकों एवं लोगों की जागरूकता देखकर बक्सर टॉप न्यूज़ ने एक साप्ताहिकी पाठकनामा  कॉलम हर रविवार  शुरू करने का निर्णय लिया है. ताकि, लोगों की बेबाकी को भी अब जगह दी जाए क्योंकि, उनकी खबर के लिए ही बक्सर टॉप न्यूज़ प्रतिबद्ध है.













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