भू-माफिया ने अपने नाम करा ली विद्यालय की जमीन ..

तथ्यों को छुपाकर विद्यालय की जमीन को अपने नाम पर गलत ढंग से दाखिल खारिज कराने के इस मामले में अभी तक भू-माफिया के विरुद्ध कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई जिससे कि स्थानीय लोगों तथा भू-दाता के परिजनों के मन में व्यवस्था के प्रति रोष है.

- दलसागर कन्या प्राथमिक विद्यालय का है मामला 
- विद्यालय को एक किलोमीटर दूर शिफ्ट किए जाने की तैयारी


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर प्रखंड के दलसागर गांव में एक व्यक्ति द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर प्राथमिक विद्यालय की जमीन को अपने नाम पर दाखिल खारिज करा लिए जाने का मामला सामने आया है. मामले में भू दाता के पुत्र ने पत्र लिखकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को मामले में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया. जिसके बाद भूमि सुधार उप समाहर्ता अंचलाधिकारी द्वारा स्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ले गई. हालांकि, तथ्यों को छुपाकर विद्यालय की जमीन को अपने नाम पर गलत ढंग से दाखिल खारिज कराने के इस मामले में अभी तक भू-माफिया के विरुद्ध कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई जिससे कि स्थानीय लोगों तथा भू-दाता के परिजनों के मन में व्यवस्था के प्रति रोष है.

इस संदर्भ में भू-दान दाता स्वर्गीय सिद्धेश्वर नाथ चौबे के पुत्र अंजनी कुमार चौबे ने बताया कि उनके पिता के द्वारा वर्ष 1961 में उनके बाबा स्वर्गीय रघुनाथ चौबे से अपने हिस्से में मिली 21 डिसमिल जमीन में से 8 डिसमिल जमीन विद्यालय को दान दी गई थी. जिसमें उस वक्त पठन-पाठन हेतु एक कमरा भी बनाया गया था, जिसमें उनकी माता अरुणा देवी के द्वारा पठन-पाठन का कार्य संपादित होता था. बाद में वर्ष 1989 में शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार विद्यालय के जर्जर कमरे के स्थान पर दो कमरों का निर्माण कराया गया. बाद में तकरीबन 3 डिसमिल जमीन पर दो कमरों, दो शौचालयों के साथ-साथ एक चापानल भी स्थापित किया गया. वहीं, 5 डिसमिल जमीन को खेल के मैदान के रूप में छोड़ दिया गया था.  बाद में वर्ष 2017 में हरेंद्र चौबे नामक एक व्यक्ति द्वारा विद्यालय के खेल मैदान की 5 डिसमिल जमीन को अपने नाम से दाखिल -खारिज़ करा लिया गया. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग-84 के विस्तार के लिए जब भूमि अधिग्रहण की बात सामने आई तो सुरेंद्र चौबे नामक व्यक्ति ने मुआवजे के लिए अपना नाम यागे कर दिया. जिसके बाद यह राज खुल कर सबके सामने आ गया. 

बाद में भू-स्वामी के पुत्र ने इस संदर्भ में भूमि सुधार उप समाहर्ता तथा अंचलाधिकारी आदि को जानकारी दी जिसके बाद सभी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से अब तक गलत ढंग से दाखिल-खारिज़ कराने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई. यही नहीं इस संदर्भ में जब भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रभात कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने इस तरह के किसी मामले के संज्ञान में होने की बात से ही इंकार कर दिया. जबकि, वह स्वयं इस विवाद को सुलझाने के लिए अंचलाधिकारी के साथ मौके पर पहुंचे थे. 

भवन को दूर शिफ्ट किए जाने से बच्चों को होगी परेशानी:

बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-84 के चौड़ीकरण के लिए इस भवन को अधिग्रहित किए जाने के साथ ही इसको जमींदोज किए जाने का भी काम शुरू हो गया है. वहीं, बच्चों को पढ़ने के लिए गांव से तकरीबन 1 किलोमीटर पूरब जमीन प्रदान की गई है. ऐसे में प्राथमिक विद्यालय के छोटे बच्चों को वहां आने जाने में काफी परेशानी होगी.

कहती हैं अंचलाधिकारी: 

मामला गलत दाखिल-खारिज का नहीं बल्कि भूमि की दिशा को लेकर था. शिक्षा समिति को यह नहीं मालूम की जमीन किस दिशा में है. गलत दाखिल-खारिज कराए जाने की बात मेरे संज्ञान में नहीं है. हालांकि, मैं अभी नई आई हूं इसलिए बहुत ज्यादा जानकारी किस विषय में नहीं दे सकती.

प्रियंका राय,
अंचलाधिकारी, सदर अंचल, बक्सर















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