"नियोजित शिक्षकों के साथ नितीश सरकार ने बहुत बड़ा धोखा दिया हैं. जहाँ 3 पन्ने का सेवा शर्त बनाने में 5 साल से भी ज्यादा समय लगा वहीं, वेतन वृद्धि के नाम पर भी बहुत बड़ा धोखा दिया गया है." उक्त बातें बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति के जिला मिडिया प्रभारी सह शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष शिवजी दूबे ने कही.
- शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष ने प्रेस बयान जारी कर सरकार पर बोला हमला
- कहा, आगामी चुनाव में दिया जाएगा सरकार को जवाब
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "नियोजित शिक्षकों के साथ नितीश सरकार ने बहुत बड़ा धोखा दिया हैं. जहाँ 3 पन्ने का सेवा शर्त बनाने में 5 साल से भी ज्यादा समय लगा वहीं, वेतन वृद्धि के नाम पर भी बहुत बड़ा धोखा दिया गया है." उक्त बातें बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति के जिला मिडिया प्रभारी सह शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष शिवजी दूबे ने कही. उन्होने नितीश सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि एक तो मात्र 15 फीसद वेतन वृद्धि और सेवा शर्त, वह भी 1 अप्रैल 2021 से ! शिक्षकों को यह कितना बड़ा धोखा दिया गया है? ऐसे में सरकार की इस धोखाधड़ी का बदला सभी नियोजित शिक्षक आने वाले चुनाव में जरूर लेंगे.
एनडीए के तमाम नेताओं के आश्वासन के बावजूद भी अकेले मुख्यमंत्री ने हिटलरशाही का परिचय देते हुए शिक्षकों को ठगने का काम किया है. यहां "चित भी मेरी, और पट भी मेरी" वाली कहानी सरकार साबित करने वाली है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह निर्णय कैबिनेट में पास हुआ आज और लागू होगा आठ माह बाद. यह कैसा निर्णय?
उन्होंने कहा कि बाकी किसी कार्य के लिए पैसे का रोना नहीं है लेकिन, हम शिक्षकों के लिए इस तरह का रवैया सोचने पर विवश करता है.आठ माह बाद देना ही था तो पूर्ण वेतनमान लागू करते. हम सब जरूर विचार करते लेकिन, आज की स्थिति अनुसार हम सब भी चुनाव में हासिल रखते हुए विचार करें.
अब सिर्फ सरकार का विरोध ही एक मात्र उपाय बचा है. ऐसे में सभी संघों को मिलकर ठोस निर्णय लेने का समय आ गया है.
नियोजित शिक्षकों के भविष्य की निर्मम हत्या की गई है. ऐसे में इस सरकार की जितनी भी निंदा की जाए कम है. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक एकजुटता प्रदर्शित करते हुए सबक सिखाने के लिए कमर कस लें.
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