जलजमाव में डूबकर क्षतिग्रस्त हुई एक करोड़ रुपये की लागत से बनी महत्वपूर्ण सड़क ..

एक बार फिर उस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है. विभाग के मुताबिक सड़क की 5 साल तक मरम्मति एवं अनुरक्षण के लिए 6 लाख 42 हज़ार रुपयों की राशि निर्धारित है. जिससे कि वह सड़क को दुरुस्त कराने की पहल करेगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह स्थाई समाधान है?

 

- हाल पांडेयपट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का
- सड़क पर जलजमाव, शुरु हुई टूट-फूट

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा तथा लोगों की लापरवाही के कारण पांडेय पट्टी-चक्रहंसी मुख्य मार्ग की सड़क अब बुरी तरह से टूट-फूट का शिकार हो गयी है.  दरअसल, घरों का गंदा पानी निकलने के लिए निकासी की व्यवस्था ना हो पाने के कारण पानी सड़क पर आता है जिसके कारण सड़क टूटटे लगी है.

बताया जा रहा है कि, इसके पूर्व  इस सड़क की हालत खराब होने की वजह से तकरीबन दो वर्ष से नारकीय स्थिति झेल रहे लोगों की परेशानियों को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 1 करोड़ 2 लाख 78 हज़ार 360 रुपये की लागत से पांडेय पट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का निर्माण कराया गया था. इस सड़क को पिछले जनता की सेवा में समर्पित किया गया था. हालांकि तकरीबन 6 माह पूरा होते-होते सड़क कई जगह से टूटने लगी.

नहीं है पानी निकलने का कोई भी रास्ता:

बताया जा रहा है कि पांडेय पट्टी से पानी निकासी का कोई भी रास्ता नहीं है. इस सड़क के किनारे बने घरों के गृह स्वामियों के द्वारा घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे सड़क पर बहाया जाता है. वहीं बारिश में तो  सड़क  तालाब बन चुकी है. ऐसे में हालात यह बन गए हैं कि, कई वर्षों तक बदहाल सड़क का दंश झेलने के बाद जिस सड़क के निर्माण से लोगों ने काफी राहत महसूस की थी. एक बार फिर उस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है. विभाग के मुताबिक सड़क की 5 साल तक मरम्मति एवं अनुरक्षण के लिए 6 लाख 42 हज़ार रुपयों की राशि निर्धारित है. जिससे कि वह सड़क को दुरुस्त कराने की पहल करेगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह स्थाई समाधान है?

नाली निर्माण का कार्य बीच मे ही रुका

बताया जा रहा है कि जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि से तकरीबन 30 लाख की लागत से नाली का निर्माण होना था. लेकिन, योजना की पहली किस्त के रूप में तकरीबन 10 लाख 60 हज़ार रुपये की निकासी कर निर्माण तो कराया गया. लेकिन कार्य आधा-अधूरा ही रह गया है. बताया जा रहा है कि, अब मामला स्थानीय विधायक की अनुशंसा के नाम पर रुका हुआ है. कहा जा रहा है कि वह शीघ्र अनुशंसा भी करेंगे लेकिन, तब तक लोगों के सामने सड़क पर बह रहे गंदे पानी से भरे गड्ढे से होकर गुजरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता.

कहते हैं अधिकारी:

नाली निर्माण ग्रामीण कार्य अभियंत्रण के द्वारा कराए जाने का प्रावधान नहीं है. मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि से नाली का निर्माण होना है. नाली निर्माण हो जाने से जल निकासी की समस्या नहीं आएगी. इस संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

राम कुमार पोद्दार,
कार्यपालक अभियंता
आर डब्ल्यू डी, बक्सर














Post a Comment

0 Comments