जिला मुख्यालय के पास स्थित महादलित बस्ती में 35 वर्षों से आवागमन का रास्ता नहीं ..

स्थानीय निवासियों के मुताबिक इस बस्ती के चारो तरफ रैयतों का रैयती जमीन है हालांकि, उतर पूरब में बिहार सरकार की जमीन है पर अतिक्रमणकारियों के द्वारा शुरु से उस जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया गया है. 

- ग्रामीणों ने कई बार लगाई अधिकारियों से गुहार लेकिन नहीं निकला निदान

- चारों तरफ जलजमाव से घिरी है बस्ती, ग्रामीणों को होती है खासी परेशानी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार सरकार जहां महादलितों के उत्थान के लिए तमाम दावे कर रही है. वहीं, सात निश्चय के कार्यों के अंतर्गत इन बस्तियों में पक्की सड़कें तथा जलापूर्ति आदि की व्यवस्था प्राथमिकता के तौर पर कराने की बात कही जाती है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज भी कई ऐसे इलाके हैं जहां अनुसूचित बिरादरी के लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है पाण्डेयपट्टी पंचायत के चक्रहँसी गाँव में स्थित महादलित बस्ती के लोगों को बस्ती में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होने के कारण उन्हें को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

पांडेय पट्टी पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि संजय कुमार तिवारी बताते हैं कि, गाँव में सन् 1982-83 में लगभग डेढ़ एकड़ में करीब 64 महादलितों को बना-बनाया मकान बनाकर दिया गया और इस प्रकार वहाँ एक महादलित बस्ती बनाई गई. लेकिन, इस बस्ती के लोगों के लिए आने जाने के कहीं से रास्ता नहीं है. 



स्थानीय निवासियों के मुताबिक इस बस्ती के चारो तरफ रैयतों का रैयती जमीन है हालांकि, उतर पूरब में बिहार सरकार की जमीन है पर अतिक्रमणकारियों के द्वारा शुरु से उस जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया गया है. ग्रामीणों के अनुसार इस संदर्भ में समय - समय पर प्रशासनिक मौखिक व लिखित रूप से ध्यान भी आकृष्ट कराया गया, पर आज तक इसका कोई भी परिणाम नजर नही आ रहा है.  साथ ही साथ गंदे पानी का जमाव होने के कारण लोगों को रोगों सेक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है. 

उन्होंने बताया कि उनकी इस समस्या पर कोई भी सुध लेने वाला नहीं है वही रास्ते के लिए जब वह बात करते हैं तो दबंगों द्वारा भी उनकी आवाज को दबा दिया जाता है. ऐसे में उन्होंने जिला पदाधिकारी से इस संदर्भ में पहल करने की प्राथना की है.














Post a Comment

0 Comments