इसी क्रम में अबकी बार कुछ ऐसी व्यवस्था की गई है कि माननीयों के अपराध अब मतदाताओं के सामने होंगे. जिसके बाद आपको यह तय करने में सहूलियत होगी कि, आप जिसे वोट दे रहे हैं वह सत्ता संभालने के लायक है भी अथवा नहीं?
- चुनाव आयोग के निर्देश के बाद अब सार्वजनिक करनी होगी आपराधिक मामलों की सूची
- लोग जान सकेंगे प्रत्याशियों की हकीकत, उज़ागर होगा असली चेहरा
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: लोकतांत्रिक देश भारत में कुछ इस तरह की व्यवस्था है कि, कोई भी व्यक्ति वह चाहे अंगूठा छाप हो, अपराधी हो अथवा उच्च शिक्षा प्राप्त कोई व्यक्ति हो वह निर्वाचन के पश्चात माननीय का दर्जा प्राप्त कर लेता है. जिसके बाद वह देश के भविष्य तथा कानून का निर्माता बन जाता है. कहा जाता है कि लोकतंत्र का यह दोष भी होता है कि, यहाँ मूर्ख और विद्वानों में कोई अंतर नहीं होता है.
देशवासियों की मांग पर चुनाव आयोग बार-बार इस तरह की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए तथा स्वच्छ छवि के लोगों को राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रयासरत है. इसी क्रम में अबकी बार कुछ ऐसी व्यवस्था की गई है कि माननीयों के अपराध अब मतदाताओं के सामने होंगे. जिसके बाद आपको यह तय करने में सहूलियत होगी कि, आप जिसे वोट दे रहे हैं वह सत्ता संभालने के लायक है भी अथवा नहीं?
अखबारों में प्रकाशित करनी होगी आपराधिक मामलों की सूची:
दरअसल, चुनाव आयोग ने साफ तौर पर यह निर्देश दे दिया है कि कोई भी प्रत्याशी अपने आपराधिक मुकदमें एवं आपराधिक कृत्यों की पूरी सूची दैनिक अखबार में प्रकाशित करेगा. न सिर्फ उसे प्रकाशित किया जाएगा बल्कि, उसकी एक प्रति निर्वाचन कार्यालय में जमा भी करानी होगी. जिला पदाधिकारी अमन समीर ने आचार संहिता लागू होने के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि, सभी प्रत्याशियों को अपने ऊपर दर्ज मामलों का पूरा विवरण तीन बार अखबार में प्रकाशित कराना होगा. साथ ही प्रकाशित विज्ञापन की एक प्रति निर्वाचन कार्यालय में जमा करानी होगी.
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