सुदूरवर्ती परीक्षा केंद्र बनाना मानसिक दिवालियापन : अभाविप

सरकार द्वारा बनाए गए परीक्षा केंद्र का विरोध करते हुए कहा कि यातायात की सुविधा के अभाव में एवं कोरोना की भयावहता को देखते हुए निकटवर्ती परीक्षा केंद्रों को केंद्र ना बनाकर सुदूरवर्ती परीक्षा केंद्र पर आम छात्र-छात्राओं को भेजना बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मानसिक दिवालियापन का परिचायक है. 

 


- नेताओं ने कहा, कोरोना काल में दूर यात्रा करना कहीं से भी नहीं है उचित
- निकटवर्ती क्षेत्रों में परीक्षा केंद्र बनाने की सरकार की माँग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार सरकार द्वारा दोबारा आयोजित की जाने वाली एस.टी.ई.टी. की ऑनलाइन परीक्षा को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विवेक सिंह ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते  हुए कहा है कि, कोरोना काल में छात्र छात्राओं का परीक्षा केंद्र उनके आसपास के जिलो में ना बनाकर काफी दूर बनाना कहीं से भी जायज नहीं है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिहार सरकार द्वारा बनाए गए परीक्षा केंद्र का विरोध करते हुए कहा कि यातायात की सुविधा के अभाव में एवं कोरोना की भयावहता को देखते हुए निकटवर्ती परीक्षा केंद्रों को केंद्र ना बनाकर सुदूरवर्ती परीक्षा केंद्र पर आम छात्र-छात्राओं को भेजना बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मानसिक दिवालियापन का परिचायक है. 
                        
वहीं, विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक त्रिभुवन पाण्डेय ने कहा कि, महामारी एवं लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में छात्र-छात्राओं को यात्रा करने में कठिनाइयां का सामना करना पड़ेगा. परीक्षार्थियों की सुविधा व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निकटवर्ती परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर परीक्षा आयोजित करने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद करती है. ज्ञातव्य है कि एस.टी.ई.टी. की परीक्षा में महिलाओं एवं छात्राओं की भी भागीदारी होने वाली है इस दृष्टि से भी दूरदराज के स्थानों को परीक्षा केंद्र बनाना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है. अतएव, इस पर पुनर्विचार कर निकटवर्ती परीक्षा केंद्रों का चयन करते हुए परीक्षा की तिथि पुनः निर्धारित की जाए.














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